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सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाओं से सबक ले रही राजस्थान पुलिस, CID-CB की प्रदेश के संवेदनशील जिलों पर नजर - Rajasthan Police

नव संवत्सर के जुलूस के मौके पर करौली में हुई हिंसा से सबक लेते हुए राजस्थान पुलिस प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़े (incidents that disturb communal harmony) और इस तरह की घटनाएं न हों, इसको लेकर काफी गंभीर है. इसके लिए सीआईडी क्राइम ब्रांच के अधिकारी पुलिस मुख्यालय पर होमवर्क कर रहे हैं.

incidents that disturb communal harmony
एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा

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Published : Apr 17, 2022, 7:13 PM IST

जयपुर.नव संवत्सर के जुलूस के मौके पर करौली में हुई हिंसा को देखते हुए अब राजस्थान पुलिस प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द (incidents that disturb communal harmony) न बिगड़े और इस तरह की घटनाएं घटित न हों, इसे लेकर काफी गंभीर नजर आ रही है. इसके लिए बकायदा पुलिस मुख्यालय की सीआईडी क्राइम ब्रांच के अधिकारी होमवर्क कर रहे हैं. साथ ही करौली में हुई हिंसा की बारीकी से जांच में जुटे हुए हैं, ताकि उन तमाम तथ्यों को बारीकी से पहचाना जा सके.

जिसकी वजह से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने वाली इस तरह की घटनाएं घटित होती है. साथ ही सांप्रदायिक तनाव की दृष्टि से प्रदेश के संवेदनशील जिलों पर विशेष फोकस रखने और अतिरिक्त पुलिस अधिकारी व फोर्स देने को लेकर भी रणनीति बनाई जा रही है. एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा का कहना है कि प्रदेश में किसी भी स्थान पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने पर, कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर, एक से अधिक क्राइम सीन होने पर और काफी संख्या में लोगों के घायल होने पर स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए व अनुसंधान से संबंधित तमाम तथ्यों पर बारीकी से काम करने के लिए पुलिस मुख्यालय से सीआईडी सीबी की टीम को लोकल पुलिस की मदद के लिए भेजा जाता है. किस तरह से सबूतों को इकट्ठा करना है और क्राइम सीन एरिया को सिक्योर करना है.

एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा

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उन्होंने बताया कि इन तमाम चीजों को लेकर सीआईडी-सीबी की टीम अपना मार्गदर्शन प्रदान करती है. साथ ही प्रकरण की उच्च कोटि जांच, साक्ष्यों का विश्लेषण व अन्य तमाम चीजों को लेकर सीआईडी सीबी की तरफ से सुपर विजन नोट भी जारी किया जाता है. साथ ही पूरे घटनाक्रम को लेकर जो प्रकरण दर्ज किया जाता है. उसका फॉलोअप क्राइम ब्रांच की ओर से लगातार किया जाता है और अनुसंधान को लेकर दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं.

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