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हेडमास्टर भर्ती-2018 : सरकार और आयोग की अपील खारिज, आवेदन के बाद पात्रता हासिल करने वाले योग्य

राजस्थान हाईकोर्ट ने हेडमास्टर भर्ती-2018 में आवेदन के बाद पात्रता हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल होने के योग्य मानते हुए एकलपीठ के आदेश में दखल से इनकार कर दिया है.

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हेडमास्टर भर्ती-2018 में आवेदन के बाद पात्रता हासिल करने वाले अभ्यर्थी भर्ती में शामिल होने योग्य

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Published : Nov 19, 2020, 8:33 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हेडमास्टर भर्ती-2018 में आवेदन के बाद पात्रता हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल होने के योग्य मानते हुए एकलपीठ के आदेश में दखल से इनकार कर दिया है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार और आरपीएससी की ओर से दायर अपील को खारिज करते हुए दिए.

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अपील में कहा गया कि एकलपीठ ने गत दिनों संतोष कुमारी मीणा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए भर्ती में आवेदन के बाद पात्रता हासिल करने वाले याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल करने को कहा था. हेडमास्टर पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता के साथ ही अनुभव भी आवश्यक होता है. इसलिए कार्मिक विभाग ने एक स्पष्टीकरण जारी कर आवेदन के समय ही पात्रता रखने वालों को ही भर्ती के योग्य माना है.

इसका विरोध करते हुए संबंधित अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया कि नियमानुसार पात्रता के अंतिम वर्ष में शामिल अभ्यर्थी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा स्पष्टीकरण को नोटिफाइड नहीं किया गया था. ऐसे में स्पष्टीकरण नियमों पर प्रभावी नहीं हो सकता. दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने अपीलों को खारिज कर दिया.

अनुदेशक भर्ती के साक्षात्कार लेने पर अंतरिम रोक...

राजस्थान हाईकोर्ट ने समूह अनुदेशक भर्ती-2018 के साक्षात्कार लेने पर अंतरिम रोक लगा दी है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश इमरान व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि आरपीएससी ने समूह अनुदेशक भर्ती की लिखित परीक्षा के चालीस फीसदी अंकों को साक्षात्कार के अंकों में जोडकर मेरिट बनाना तय किया. वहीं दूसरी ओर आयोग ने अभ्यर्थियों से उत्तर कुंजी पर आपत्तियां मांगने के बावजूद भी अंतिम उत्तर कुंजी जारी नहीं की.

इसके अलावा आयोग ने साक्षात्कार से पहले कट ऑफ मार्क्स भी सार्वजनिक नहीं किए. याचिका में कहा गया कि आयोग को अंतिम उत्तर कुंजी जारी कर कट ऑफ मार्क्स सार्वजनिक करने चाहिए थे. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने साक्षात्कार लेने पर अंतरिम रोक लगा दी.

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