जयपुर.सौर ऊर्जा की दृष्टि से समृद्ध राजस्थान ने केंद्र की कुसुम योजना और सौर ऊर्जा योजनाओं के तहत मिले अपने टारगेट को बढ़ाने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से आग्रह किया है. केंद्र से प्रदेश को मिले सालाना लक्ष्य की तुलना में ही करीब 2 गुना अधिक उत्पादन की उम्मीद है. ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला को उम्मीद है कि केंद्रीय रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय प्रदेश के इस आग्रह को जल्दी स्वीकार करेगा.
राज्य ने किया रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय से सौर ऊर्जा का टारगेट बढ़ाने का आग्रह दरअसल प्रदेश में 571 विद्युत सब स्टेशन को चिन्हित कर इससे जुड़े क्षेत्र की जमीन पर 725 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है. इससे जितनी बिजली मिलेगी, उसमें 40 पैसे पर यूनिट के आधार पर डिस्कॉम को करीब 36 करोड़ सालाना परफॉर्मेंस बेस्ड कैशबैक मिलेगा. यही कारण है कि अक्षय ऊर्जा निगम ने रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय से राजस्थान को मिले 325 मेगावाट सालाना टारगेट को बढ़ाकर 725 मेगावाट करने का आग्रह किया है.
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ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला के अनुसार यदि केंद्र मदद करे तो राजस्थान ऊर्जा के क्षेत्र में तय लक्ष्य से कहीं अधिक प्राप्त कर सकता है. ऊर्जा मंत्री के अनुसार अब तक सौर ऊर्जा के लिए प्रदेश में 4,456 सब स्टेशन चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से पहले 571 पर काम होगा.
571 सब स्टेशन से जुड़े क्षेत्र में 674 आवेदन आए
ऊर्जा मंत्री के अनुसार अजमेर, जोधपुर, जयपुर डिस्कॉम के जरिए 4,456 विद्युत सब स्टेशन अब तक चिन्हित किए गए हैं. जिसमें से 571 सब स्टेशन से जुड़े क्षेत्र में सोलर प्लांट के लिए कुल 674 आवेदन आए. मंत्री के अनुसार इसमें से 504 सब स्टेशन के लिए तत्काल काम शुरू हो सकेगा. जबकि 67 सब स्टेशन पर आए 145 आवेदनों के लिए बिड प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
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डॉ. बीडी कल्ला के अनुसार सोलर प्लांट से जनरेट बिजली के लिए राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग 3.14 रुपये प्रति यूनिट से भुगतान दर तय कर चुका है. वहीं इन प्लांटों से जितनी यूनिट बिजली मिलेगी, उसमें 40 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर डिस्कॉम को केंद्र से कैशबैक भी मिलेगा. जो डिस्कॉम की परफॉर्मेंस बेस इनकम मानी जाएगी.
किसानों को मिल पाएगी दिन में भरपूर बिजली
दरअसल जो सबस्टेशन चिन्हित किए गए हैं, उनमें अधिकतर ग्रामीण इलाकों में है. किसानों को दिन में भी इससे बिजली मिलने की उम्मीद जागी है. वहीं डिस्कॉम को बिजली उत्पादक कंपनियों से ज्यादा दर पर बिजली खरीदने की मजबूरी भी नहीं होगी. इस तरह किसानों को कृषि कनेक्शन की विद्युत दर 5.55 रुपये प्रति यूनिट है. जिस पर सरकार किसानों को 4.65 रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी देती है. इससे सरकार पर 11 हजार 500 करोड़ रुपये का भार आता है. जब किसानों की भूमि या बंजर भूमियों पर यह प्लांट लगेंगे तो किसान स्वयं ही खुद की उत्पादित बिजली का उपयोग दिन में कर पाएगा.