जयपुर.सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए वन विभाग ने एक पहल शुरू की है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक जीवी रेड्डी की पहल पर सांपों को बचाने के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है. सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए वन विभाग आमजन को भी जागरूक करेगा. राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां महिला वन रक्षकों को स्नेक रेस्क्यू प्रशिक्षण दिया गया. जीवी रेड्डी ने बताया कि वन विभाग हर जिले, तहसील स्तर पर सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए स्नेक रेस्क्यूलर तैयार करेगा. दो-तीन महीने में करीब 300 से 400 कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
जीवी रेड्डी ने बताया कि इस पहल से सांपों को बचाकर प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में सहायता मिलेगी. हाल ही में वन विभाग ने सांपों की प्रजातियों को बचाने के लिए 5 महिला फ्रंटलाइन कर्मचारी, फॉरेस्ट गार्ड, सहायक फॉरेस्ट गार्ड और फॉरेस्टर को स्नेक रेस्क्यू प्रशिक्षण दिया है. ये महिला वनरक्षक 4 जिलों में स्नेक रेस्क्यू करने का ही काम करेंगी. इसके लिए वन विभाग ने प्रमाण पत्र देखकर स्नेक रेस्क्यू करने की अनुमति दी है.
पढ़ें:करौली: सपोटरा के बाद टोडाभीम में पुजारी को जमीन के लिए परेशान करने का मामला आया सामने
वन विभाग सांपों के प्रति लोगों को करेगा जागरूक
जीवी रेड्डी ने कहा कि सांपों की प्रजातियों को बचाना बहुत आवश्यक है. क्योंकि यह भी वन्यजीव एक्ट में आते हैं. इसके लिए मार्च और अप्रैल में वन विभाग अन्य कर्मचारियों को भी स्नेक रेस्क्यू प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है. इस दौरान सर्दियों में सांप सुस्त अवस्था में रहता है. इसलिए सांप अधिकतर बिलों में ही रहते हैं. ज्यादातर सांप मानसून के समय ही बाहर आते हैं. क्योंकि बारिश का पानी बिलों में भर जाता है और सांप बाहर निकल जाते हैं. ऐसे में जब लोग सांपों को देखते हैं तो उन्हें मार देते हैं. इसीलिए वन विभाग स्नेक रेस्क्यू चलाएगा, जिससे की लोग सांपों को मारे ना बल्कि उनका रेस्क्यू करके उनको सुरक्षित छोड़ दें.