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अब एक कॉल पर मिलेगी तनावग्रस्त बच्चों को काउंसलिंग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शुरू की हेल्पलाइन

जीवनशैली और कोरोना काल में हुए बदलावों के बीच तनाव और अवसादग्रस्त बच्चों के लिए राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अनूठी पहल की है. आयोग ने आज एक टोल फ्री हेल्पलाइन लॉन्च की है, जिस पर कॉल करने वाले बच्चों को उनकी समस्याओं के हिसाब से काउंसलिंग की जाएगी.

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Published : Jan 19, 2021, 3:13 PM IST

Child Helpline in Rajasthan, Rajasthan State Child Rights Protection Commission
अब एक कॉल पर मिलेगी तनावग्रस्त बच्चों को काउंसलिंग

जयपुर.कोरोना काल में जीवनशैली में हुए बदलावों के बीच कई बच्चों में तनाव और अवसाद की समस्या बढ़ने लगी है. इसे देखते हुए राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक अनूठी पहल की है. आयोग की ओर से मंगलवार को एक टोल फ्री हेल्पलाइन लॉन्च की गई है, जिसका नम्बर 0141-4932233 है. इस नम्बर पर कॉल करने पर बच्चों को उनकी समस्या के हिसाब से काउंसलिंग दी जाएगी.

बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शुरू की हेल्पलाइन

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल पर गैर सरकारी संस्थाओं के तत्वावधान में आज चाइल्ड हेल्प लाइन की शुरुआत की गई है. कोरोना काल और बदलते सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक परिवेश में बच्चे मानसिक तनाव और अवसाद का शिकार हो रहे हैं. कोरोना काल में स्कूल बंद होने, बाहर आवाजाही बंद होने और पार्क आदि में आना-जाना बंद होने का भी बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.

पहली से आठवीं कक्षा तक की स्कूल तो अभी खुली भी नहीं हैं. इससे बच्चों में तनाव की प्रवृत्ति बढ़ रही है. इससे बचाव के लिए और बच्चों की काउंसलिंग के लिए बाल आयोग ने पहल की है और सेव द चिल्ड्रन, माइंड पाइपर और इंडस एक्शन के सहयोग से राज्य स्तरीय हेल्पलाइन लॉन्च की गई है. इसका नाम मेंटल हेल्थ एंड फिजियो सोशल स्पोर्ट है. इस पर बच्चों में होने वाले तनाव, अवसाद आदि से संबंधित समस्याओं को विशेषज्ञ सुनेंगे और उनका समाधान किया जाएगा.

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इस हेल्पलाइन के माध्यम से बालक, अभिभावक और आमजन विशेषज्ञों से निशुल्क बात कर मानसिक तनाव को दूर करने के उपाय जान सकेंगे. इसके साथ ही बाल अपराधों की शिकायत और बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए बनाए गए कानूनों की जानकारी भी इस हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है.

आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल का कहना है कि इस हेल्पलाइन पर आने वाले मामलों की समीक्षा कर यह तय किया जाएगा कि इस व्यवस्था को कब तक चालू रखा जाए.

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