जयपुर. शहर के आमेर महल को आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना अब कोरोना की भेंट चढ़ गई है. शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट के तहत आमेर महल क्षेत्र का चयन किया था. इस प्रोजेक्ट पर 315 करोड़ रुपए की लागत अनुमानित है.
आईकॉनिक आमेर प्रोजेक्ट को लेकर 22 और 30 अप्रैल 2018 को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय उच्च अधिकारी आमेर का दौरा भी कर चुके हैं. इसके बाद आइकॉनिक आमेर प्रोजेक्ट की रिपोर्ट बनाना शुरू हुई. इस वर्ष अप्रैल से इस योजना पर कार्य शुरू होना था, लेकिन इससे पहले ही पूरा देश और विश्व कोरोना की चपेट में आ गया. कोरोना संक्रमण से आर्थिक संसाधन भी प्रभावित हुए. इस कारण इस योजना को फिलहाल रोक दिया गया है.
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जानिए आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन योजना पर क्या-क्या कार्य होने थे
1. मावठा झील का पुनरुद्धार कर उसे पानी से भरा जाना. मावठा में म्यूजिकल फाउंटेन लगाया जाना. मौजूदा समय में मावठा सूखा पड़ा है. इसलिए झील में पानी भरने की योजना थी. साथ ही मावठा की पाल पर फोटोग्राफी पॉइंट और बैठने के लिए जगह विकसित करने का प्लान था. मावठा वन विभाग के अधीन आता है. इसलिए यहां विकास कार्य करवाने के लिए वन विभाग से अनुमति भी जरूरी है.
2. आमेर महल की दीवार को रात के समय आकर्षक लुक देने के लिए 7500 मीटर दूरी में लाइट इल्यूमिनेशन करने और 10 मीटर दूरी पर थेफ्ट सिक्योरिटी सिस्टम लगाने का प्लान था.
3. आमेर महल और आसपास के क्षेत्र में केबल पोड कार चलाने की योजना थी, साथ ही पाथ-वे विकसित करने का प्लान था. इस योजना के लिए भी वन विभाग से अनुमति जरूरी है.