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जयपुर : कोरोना की भेंट चढ़ी आमेर को आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना

राजस्थान के सबसे विश्व विख्यात पर्यटन स्थल आमेर महल को आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किए जाने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई है. योजना की अनुमानित लागत 315 करोड़ रुपए थी. लेकिन कोरोना संक्रमण के दौर में इस प्रोजेक्ट पर पानी फिर गया है.

आमेर महल आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन, Amer Mahal Iconic Tourist Destination
आमेर महल आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन

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Published : Dec 12, 2020, 8:04 PM IST

जयपुर. शहर के आमेर महल को आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना अब कोरोना की भेंट चढ़ गई है. शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट के तहत आमेर महल क्षेत्र का चयन किया था. इस प्रोजेक्ट पर 315 करोड़ रुपए की लागत अनुमानित है.

कोरोना की भेंट चढ़ी आमेर को आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना

आईकॉनिक आमेर प्रोजेक्ट को लेकर 22 और 30 अप्रैल 2018 को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय उच्च अधिकारी आमेर का दौरा भी कर चुके हैं. इसके बाद आइकॉनिक आमेर प्रोजेक्ट की रिपोर्ट बनाना शुरू हुई. इस वर्ष अप्रैल से इस योजना पर कार्य शुरू होना था, लेकिन इससे पहले ही पूरा देश और विश्व कोरोना की चपेट में आ गया. कोरोना संक्रमण से आर्थिक संसाधन भी प्रभावित हुए. इस कारण इस योजना को फिलहाल रोक दिया गया है.

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जानिए आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन योजना पर क्या-क्या कार्य होने थे

1. मावठा झील का पुनरुद्धार कर उसे पानी से भरा जाना. मावठा में म्यूजिकल फाउंटेन लगाया जाना. मौजूदा समय में मावठा सूखा पड़ा है. इसलिए झील में पानी भरने की योजना थी. साथ ही मावठा की पाल पर फोटोग्राफी पॉइंट और बैठने के लिए जगह विकसित करने का प्लान था. मावठा वन विभाग के अधीन आता है. इसलिए यहां विकास कार्य करवाने के लिए वन विभाग से अनुमति भी जरूरी है.

2. आमेर महल की दीवार को रात के समय आकर्षक लुक देने के लिए 7500 मीटर दूरी में लाइट इल्यूमिनेशन करने और 10 मीटर दूरी पर थेफ्ट सिक्योरिटी सिस्टम लगाने का प्लान था.

3. आमेर महल और आसपास के क्षेत्र में केबल पोड कार चलाने की योजना थी, साथ ही पाथ-वे विकसित करने का प्लान था. इस योजना के लिए भी वन विभाग से अनुमति जरूरी है.

4. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आमेर में रोपवे बनाने की योजना थी, रोपवे प्रोजेक्ट का कुछ हिस्सा वन विभाग में आएगा. इसके लिए यहां भी परमिशन की जरूरत होगी.

5. आमेर क्षेत्र में प्रदूषण कम करने और यातायात को सुगम बनाने के लिए 20 सीटर इलेक्ट्रिक बसें और आठ से 10 सीटर इलेक्ट्रिक बग्गी चलाने की योजना थी. इलेक्ट्रिक बस और बग्गी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर चलाने का प्लान था.

6. आमेर के मानसिंह महल और गार्डन में लेजर शो लगाने की योजना थी, लेजर शो से नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने का मकसद था.

7. आमेर महल में सीलन की समस्या को दूर करने के लिए काम करवाने, महल की दीवारों का जीर्णोद्धार और संरक्षण कार्य करवाने की योजना थी.

8. आमेर महल के आसपास के इलाके को टाउनशिप के रूप में विकसित करने और पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित करने का प्लान था.

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वैसे तो कोरोनावायरस ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है, लेकिन पर्यटन ऐसा सेक्टर है, जो इससे सर्वाधिक प्रभावित है. राजस्थान के पर्यटन स्थल महीनों कोरोना के चलते बंद रहे. इस सेक्टर से जुड़े तमाम स्टेक होल्डर जिनमें होटल, टैक्सी संचालक, लोक कलाकार, गाइड, हस्तशिल्प सहित छोटे-छोटे हॉकर तक बेरोजगार हो गए हैं. केंद्र और राज्य सरकारों को भी भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. आमेर से जुड़े आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट पर भी इसका असर पड़ा है. योजना टाल दी गई है, जिससे पर्यटक और पर्यटन दोनों का नुकसान हुआ है.

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