जयपुर.बीते साल 14 अगस्त और इससे पहले भी कई बरसात सीवरेज और नालों की सफाई के दावों की पोल खोल चुकी है और कुछ लोगों को वाहन सहित निगल भी चुकी है. लेकिन प्रशासन ने इन हादसों (Accidents) से कोई सीख नहीं ली. इस बार भी अतिवृष्टि की स्थिति में द्रव्यवती नदी (Dravyavati River) और करतारपुरा नाले के नजदीक गुजरने वाली सड़कें हादसों को न्योता दे रही हैं.
राजधानी में जब भी मानसून मेहरबान होता है, तब अपने साथ आफत की तस्वीरें भी साथ लेकर आता है. कहीं सड़कों पर कागज की नाव की तरह बहती हुई कारें नजर आती हैं तो कहीं घर पानी में डूब जाते हैं. यही नहीं, शहर के कुछ पॉइंट तो ऐसे हैं जहां सड़कें नदियों में तब्दील हो जाती हैं. द्रव्यवती नदी से लगते हुए शहर में कई ऐसे लिंक रोड हैं, जिन्हें अनदेखी के चलते आज तक मुख्य सड़क के समानांतर ऊंचा नहीं किया गया.
यही वजह है कि बारिश के समय यहां यातायात पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है. और तो और ये हालात दुर्घटनाओं को न्योता देते हैं. इसके साथ ही शहर का करतारपुरा नाला तो कभी अपने साथ कार को बहा ले जाता है, तो कभी मोटरसाइकिल को. इन हादसों के बावजूद प्रशासन सीख नहीं लेता. ईटीवी भारत ने राजधानी के कुछ ऐसे ही पॉइंट का जायजा लिया, जहां बरसात अपने साथ आफत लेकर आती है.
दुर्गापुरा से मानसरोवर जाने वाला महारानी फार्म लिंक रोड...
यहां कुछ घंटों की बारिश में ही द्रव्यवती नदी पर पानी की चादर चलने लगती है और यही पानी महारानी फार्म लिंक पुलिया पर आ जाता है. जिसकी वजह से मानसरोवर से दुर्गापुरा आने-जाने वाले मार्ग पूरी तरह बाधित हो जाता है. हालांकि, यहां चेतावनी बोर्ड जरूर लगा रखा है, लेकिन उसे फुटपाथ पर इस कदर लगाया गया है कि वाहन चालकों को नजर तक नहीं आता. यहां चाय की थड़ी लगाने वाले युवक ने बताया कि बीते साल बारिश में करीब 4 घंटे तक यहां जलजमाव की स्थिति रही और पानी बहने के बाद भी गरीब 2 से 3 फुट कीचड़ इकट्ठा हो गया. जिससे वाहन यहां से गुजर नहीं सके.
सहकार मार्ग से लगता हुआ करतारपुरा नाला...