जयपुर. मंत्रिमंडल के पुनर्गठन (reorganization of cabinet) के बाद आज राजस्थान में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है. इनमें ग्रामीण जनता से जुड़े पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayati Raj Department) की जिम्मेदारी मंत्री रमेश मीणा (Ramesh Meena) को दी गई है. विभाग की जिम्मेदारी संभालने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि पंचायती राज की स्थापना कांग्रेस के माध्यम से जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी ने की थी और आज जो जिम्मेदारी उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने दी है, उसके बाद अब उनका एक ही उद्देश्य होगा कि गांवों का विकास हो. गांव में अंतिम छोर पर झोपड़ी में रहने वाले हर आदमी तक पंचायती राज की जितनी भी योजनाएं हैं, चाहे वह आर्थिक हो या विकास की योजनाएं हो या कोई अन्य हों उस व्यक्ति तक पहुंचें.
इन योजनाओं की मॉनिटरिंग करना और गांव में विकास कार्य चाहे वह नाली निर्माण हो, अच्छी सड़कें हों या फिर गांव के लोगों को नरेगा के माध्यम से रोजगार मिलना हो या फिर जेएसवाई के माध्यम से होने वाले काम हों, जितनी भी पंचायती राज की योजनाएं हैंं उनकी मॉनिटरिंग ठीक से की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान में जो प्रशासन गांव के संग अभियान चल रहा है, उसमें भी पंचायती राज ग्रामीण विकास विभाग (Panchayati Raj Rural Development Department) की अहम भूमिका है. इस अभियान को और कैसे बेहतर किया जाए इसे लेकर भी उनका प्रयास रहेगा.
पहली प्राथमिकता नई पंचायतों को भवन
प्रदेश में परिसीमन के बाद नई पंचायतें तो बन गईं लेकिन आज भी बैठने के लिए पंचायत भवन नहीं हैं. नवगठित करीब 30% पंचायतें तो ऐसी है जहां के लिए अभी भूमि ही अलॉट नहीं हुई है तो कहीं पर अभी भी काम चल रहे हैं. कई मामले तो डिस्प्यूट में फंस गए हैं. इस मामले में मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि पंचायतों में पंचायत भवन या राजीव गांधी केंद्र काफी जगह बन चुके हैं. जहां जमीन का डिस्प्यूट है या अन्य कोई कारण है उन मामलों का समाधान कर पंचायत भवन बनवाया जाए ताकि नई पंचायतें और सरपंच सुचारू रूप से काम कर सकें. ऐसे में जो भी कमियां होंगी उन्हें प्राथमिकता पर दुरुस्त किया जाएगा.