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जयपुर : होम केयर के जरिए मरीजों को मुफ्त दी जा रही यह 'खास' सुविधा...जानें

गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को होम केयर के जरिए पेलिएटिव केयर की सुविधा निशुल्क दी जा रही है. जयपुर में भी पेलिएटिव केयर का एक ग्रुप है, जो जरूरतमंद मरीजों को होम केयर के जरिए निशुल्क पेलिएटिव केयर उपलब्ध करा रहा है. ग्रुप अब तक 500 से अधिक रोगियों को होम केयर की सेवाएं दे चुका है.

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Published : Jul 1, 2020, 7:52 PM IST

Home Care Services in Jaipur, Palliative Care Service
होम केयर के जरिए मरीजों को निशुल्क दी जा रही पेलिएटिव केयर की सुविधा

जयपुर. गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को होम केयर के जरिए पेलिएटिव केयर की सुविधा निशुल्क दी जा रही है. कैंसर, एड्स, ऑर्गन फेलियर जैसी बीमारियों में रोगी को दर्द और तकलीफ से गुजरना पड़ता है तो उसे पेलिएटिव केयर की आवश्यकता होती है. जयपुर में भी पेलिएटिव केयर का एक ग्रुप है जो जरूरतमंद मरीजों को होम केयर के जरिए निशुल्क पेलिएटिव केयर उपलब्ध करा रहा है. इसमें रोगी को चिकित्सालय में भर्ती रखना अनिवार्य नहीं होता.

होम केयर के जरिए मरीजों को निशुल्क दी जा रही पेलिएटिव केयर की सुविधा

डॉक्टर अंजुम खान अपनी टीम के साथ पिछले 10 साल से होम केयर की निशुल्क सुविधा उपलब्ध करा रही हैं, वे अब तक 500 से अधिक रोगियों को होम केयर की सेवाएं दे चुकी हैं. डॉ. अंजुम खान जयपुर के एक निजी अस्पताल की पेन एंड पेलिएटिव केयर विभाग की निदेशक हैं. डॉ. अंजुम का कहना है कि सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है, लेकिन हर जरूरतमंद को पेलिएटिव केयर मिले, इसके लिए एनजीओ, समाजसेवी संगठनों और आम आदमी को आगे आना होगा.

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डॉ. अंजुम खान ने कहा कि जीवन के अंतिम दौर से गुजर रहे रोगियों के दर्द को कम करना, होम केयर का उद्देश्य है. कैंसर रोगियों को पेलिएटिव केयर उनके घर पर दी जाती है. उन्होंने कहा कि जो मरीज कमजोर होते हैं और अस्पताल नहीं आ सकते, उन्हें होम केयर उपलब्ध कराई जाती है.

होम केयर टीम में डॉक्टर, नर्स, साइकोलॉजिस्ट, सोशल वर्कर, फिजियोथेरेपिस्ट, डाइटिशियन सभी शामिल होते हैं. टीम रोगी के परिजनों को 'एंड ऑफ लाइफ सिम्टम्स केयर' के बारे में बताती है. इसमें रोगी को दर्द से राहत दिलाने के साथ ही परिजनों का मनोबल भी बढ़ाया जाता है.

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डॉ. अंजुम खान ने बताया कि हमारे चिकित्सालय में 10 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर दो सौ से अधिक डॉक्टर और नर्स स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. नेशनल प्रोग्राम इन पेलिएटिव केयर के तहत चल रहे इस कार्यक्रम में झालावाड़, जोधपुर, श्रीगंगानगर, अलवर, भीलवाड़ा, नागौर सहित 20 जिले शामिल हैं.

डॉ. अंजू ने बताया कि इस समय विश्व में 40 मिलियन और देश में 60 लाख से ज्यादा लोग ऐसी बीमारियों से ग्रसित हैं, जिन्हें पेलिएटिव केयर की आवश्यकता है. संसाधनों की कमी और ट्रेनिंग के अभाव में अभी तक विश्व में 14 फीसदी और देश में सिर्फ एक से चार फीसदी लोगों को ही पेलिएटिव केयर की सुविधा मिल रही है.

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