जयपुर. राजनीति में नेताओं की ताकत उनके लिए होने वाले कार्यक्रमों में जुटने वाली भीड़ के आधार पर तय होती है. जन्मदिवस का मौका शक्ति प्रदर्शन के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. इन दिनों राजस्थान में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ के आने वाले जन्मदिवस (Birthday of Rajendra Rathore) को लेकर ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन चल रहा है. सेवा सप्ताह के तहत यह कैंप एक जिला विशेष में नहीं बल्कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों और विधानसभा में लग रहे हैं.
शनिवार से शुरू हुए ब्लड डोनेशन कैंपों में कई जिलों में खुद राजेंद्र राठौड़ भी पहुंचे और समर्थक कार्यकर्ताओं और रक्तदाताओं की हौसला अफजाई की. दूरदराज के जिलों में जो कार्यक्रम हुए उनके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट किए जा रहे हैं. खास बात यह है कि राठौड़ का जन्मदिन 21 अप्रैल को है, लेकिन सेवा सप्ताह के तहत ब्लड डोनेशन का काम पूरे 1 सप्ताह तक चलेगा. बताया जा रहा है राजेंद्र राठौड़ अपने जन्मदिवस पर कोई बड़ी भीड़ इकट्ठा करके बड़ा आयोजन करने के मूड में नहीं थे. ऐसे में उनके समर्थकों ने पूरे प्रदेश भर में ब्लड डोनेशन कैंप लगाने की अपनी इच्छा जाहिर की जिस पर राठौड़ ने अपनी स्वीकृति दे दी.
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जन्म दिवस का कार्यक्रम यदि एक जिला या स्थान विशेष पर होता है तो कार्यकर्ताओं की ज्यादा भीड़ जुटाकर उसे बड़ा रूप दिया जाता है ताकि अपनी सियासी ताकत दिखाई जा सके, लेकिन राजेंद्र राठौड़ के जन्मदिवस पर कई जिले में इस प्रकार के कार्यक्रम हो रहे हैं. जिसके जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि राठौड़ के समर्थक किसी एक जिले की विधानसभा तक सीमित नहीं है बल्कि राजस्थान के विभिन्न जिलों और विधानसभाओं में राठौड़ अपना प्रभाव रखते हैं.
राठौड़ भी राजस्थान भाजपा के हैं बड़े चेहरे-प्रदेश में साल 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और इससे पहले बड़े नेताओं के बीच अगले मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर शीत युद्ध चल रहा है. हालांकि, इस युद्ध में राठौड़ का नाम कम ही आता है, लेकिन राजेंद्र राठौड़ का राजस्थान भाजपा में जो सियासी कद है वो किसी से छुपा हुआ नहीं है. लिहाजा उनके समर्थक चाहते हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में राठौड़ भी सियासत में एक बड़ी भूमिका में नजर आए. शायद यही कारण है कि इस बार उनका जन्मदिन एक सेवा पखवाड़े के रूप में मनाया जा रहा है और इसके तहत होने वाले कार्यक्रम जिला विशेष तक सीमित न होकर प्रदेश के कई जिलों में किए जा रहे हैं क्योंकि राजनीति में हर एक कदम और कार्यक्रम कोई न कोई संदेश देता ही है.