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स्पेशलः एचआईवी पॉजिटिव का मतलब जीवन का अंत नहीं, इलाज के बाद मरीज जी सकता है सामान्य जिंदगी - विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस के अवसर पर विश्व भर में इसके बचाव और इलाज को लेकर जागरुकता कई कार्यक्रम चलाए जा रहे है. ऐसे में एड्स कंट्रोल सोसायटी के निदेशक ने एचआईवी और एड्स के फर्क को बताया. वहीं पिछले सालों में इस रोज के मरीजों की संख्या में कमी आई है.

aids registered patients in rajasthan, राजस्थान में एड्स के मरीजों की संख्या
राजस्थान में एड्स के रजिस्टर्ड मरीजों की संख्या

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Published : Dec 1, 2019, 3:56 PM IST

जयपुर.एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. ऐसे में पूरे राजस्थान में 40,000 से अधिक रोगी आज भी एड्स का इलाज करवा रहे हैं और लंबे समय तक अपनी सामान्य जिंदगी जी रहे हैं. एचआईवी पॉजिटिव का होने का मतलब कोई लाइलाज बीमारी नहीं है. इसके उचित उपचार से रोगी स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी सकता है.

राजस्थान में एड्स के रजिस्टर्ड मरीजों की संख्या

चिकित्सकों का कहना है कि एचआईवी पॉजिटिव का मतलब जीवन का अंत नहीं है. एचआईवी से एड्स की अवस्था में आने में करीब 8 से 10 वर्ष लगते हैं. लेकिन अगर नियमित उपचार लिया जाए तो इस रोग से ग्रसित व्यक्ति लंबी और सामान्य जिंदगी जी सकता है.

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एड्स कंट्रोल सोसायटी के निदेशक डॉ. आरपी डोरिया ने बताया कि एचआईवी और एड्स में अंतर होता है. उन्होनें कहा कि एचआईवी वायरस का नाम है. जबकि एड्स वायरस के कारण होने वाली शारीरिक स्थिति है. एड्स का निदान कुछ रक्त परीक्षणों के आधार पर किया जा सकता है और अगर समय पर इलाज ना लिया जाए तो व्यक्ति मामूली से संक्रमण के चलते भी अपनी जान काम आ सकता है ऐसे में इलाज ही इस रोग से बचाव है.

राजस्थान में यह है स्थिति

प्रदेश में आज के वर्तमान स्थिति में करीब 42 हजार 805 एचआईवी और एड्स के रोगी अपना इलाज करवा रहे हैं. जिसमें करीब 21 हजार 076 पुरुष और 19 हजार195 महिलाएं शामिल है. इसके अलावा 3 हजार 481 बच्चे और 53 ट्रांसजेंडर इसमें शामिल है.

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प्रदेश के सवाई मानसिंह अस्पताल में चलाए जा रहे एआरटी सेंटर पर करीब 7 हजार मरीज अपना उपचार करवा रहे हैं. वहीं प्रदेशभर में करीब 24 एआरटी सेंटर 'नाको' की ओर से चलाए जा रहे हैं. जहां इस रोग से ग्रसित व्यक्ति को इलाज के साथ-साथ निशुल्क दवाइयां भी उपलब्ध कराई जा रही है. एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में यह पाया गया है कि, इस रोग से ग्रसित व्यक्तियों की संख्या पिछले 2 साल में काफी कम हुई है.

वर्षवार रजिस्टर्ड मरीजों की सूची
वर्ष रजिस्टर्ड मरीज
2017-18 6978
2018-19 7247
2019-20 4365

प्रदेश में एड्स कंट्रोल सोसायटी और चिकित्सा विभाग की ओर से एड्स की जागरूकता को लेकर अभियान भी चलाए जा रहे हैं. जहां बैनर पोस्टर और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से इस रोग के कारण और इलाज के बारे में जानकारी दी जा रही है. साथ ही आंकड़े आए हैं उससे यह साफ पता चल रहा है कि पिछले कुछ समय से जागरूकता के चलते ही इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में कमी आई है.

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