जयपुर. फिल्म अभिनेत्री नीना गुप्ता ने शुक्रवार को बॉलीवुड और कास्टिंग काउच को लेकर (Neena Gupta on Casting Couch) बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में कास्टिंग काउच होता है, लेकिन बॉलीवुड के बाहर ज्यादा होता है. ये सब कुछ लड़कियों पर निर्भर करता है कि वो कहां तक परमिशन देती हैं. यदि इसके लिए एक मना करती है तो 100 लड़कियां तैयार रहती हैं.
नीना गुप्ता जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करने पहुंची थीं. यहां उनकी हाल ही में प्रकाशित हुई 'सच कहूं तो' किताब को लेकर विशेष सत्र रखा गया, जिसमें नीना गुप्ता ने बेबाकी से अपने जवाब दिए. वहीं, पत्रकारों से मुखातिब होते हुए नीना गुप्ता ने बॉलीवुड में कास्टिंग काउच को लेकर कहा कि कास्टिंग काउच हर जगह है. ये केवल बॉलीवुड में नहीं. यहां जो होता है वो दिख जाता है, और जगह बॉलीवुड से भी बेकार स्थिति है.
क्या कहा नीना गुप्ता ने... उन्होंने कहा कि पहले जरूर कास्टिंग काउच था, लेकिन अब बहुत कम है. इसके लिए कोई मजबूर नहीं करता, क्योंकि यदि एक मना करेगी तो 100 और लड़कियां (Neena Gupta Big Statement on Casting Couch) तैयार हैं. इसलिए ये उन पर निर्भर करता है. बाकी ओटीटी और फिल्मों में अब सब साफ सुथरा है. जहां तक पहले की बात है तो उसके बारे में उनकी किताब में लिखा गया है.
वहीं, फिल्मों में अभिनेत्रियों को 40 की उम्र के बाद मां के रोल मिलने और अभिनेताओं को 50 की उम्र में भी रोमांटिक रोल मिलने के सवाल पर नीना गुप्ता ने कहा कि इसका जिम्मेदार बॉलीवुड नहीं, बल्कि समाज है. 60 साल का आदमी शादी कर सकता है, बच्चे पैदा कर सकता है, लेकिन 60 साल की महिला ऐसा नहीं कर सकती. 80 फीसदी विवाहित पुरुष युवा लड़कियों से अफेयर करते हैं.
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25 साल पहले उन्होंने एक फिल्म में अभिनेता फिरोज खान की बड़ी बहन का किरदार निभाया था, जबकि वो उनसे करीब 15 साल बड़े थे. इसमें कोई बदलाव नहीं आ सकता. इस बदलाव के लिए हमें बदलना होगा. उन्होंने अपनी दोस्त की 36 साल की नौकरानी का उदाहरण देते हुए बताया कि पेट में फाइनल स्टेज का कैंसर था, जिसका दर्द वो लंबे समय से छुपा रही थी. जांच में पता लगा कैंसर है, और अगले ही दिन उसकी मौत भी हो गई.
वो यहां भले ही बॉलीवुड की बात कर रहीं हैं, लेकिन समाज में महिलाएं अपनी प्रॉब्लम अंतिम समय तक सहन करती रहती हैं. ये हालात देश की हर मां, दादी, नानी की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें बोल्ड और स्ट्रांग कहा जाता है, यह उन्हें पसंद नहीं. हालांकि, खुद को लिव इन रिलेशनशिप के पक्ष में बताते हुए कहा कि उन्हें इसमें कुछ गलत नहीं लगता. उनकी खुद की बेटी लिव-इन में रह रही है.
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आखिर में उन्होंने बताया कि उन्होंने ये बुक भी इसीलिए लिखी है कि मीडिया ने जो उनकी इमेज बनाई गई है, उसकी वजह से उन्हें पूरी जिंदगी बहुत तकलीफ उठानी पड़ी है. लेकिन वो वैसी नहीं हैं. इससे पहले उन्होंने अपनी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आ रही फिल्म और वेब सीरीज के अनुभव भी साझा किए. साथ ही अपने प्ले की कुछ पंक्तियों से रिलेशनशिप को समझाते हुए कहा कि 'संबंधों से मुक्ति नहीं पा सकता मानव मन, भूत भविष्य के बीच खड़ी है वर्तमान की उलझन.' रिलेशनशिप को कोई नहीं समझ सकता. उसका अनुभव करके ही सीखा जा सकता है.
फिल्म अभिनेत्री नीना गुप्ता के सेशन को सुनने के लिए जयपुर शहर कांग्रेस महासचिव और चीफ एनरोलर आलोक पारीक भी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे. पारीक ने कार्यक्रम की तारीफ करते हुए आयोजक संजोय रॉय को भी बधाई दी.