जयपुर. एनसीआरबी की ओर से जारी किए गए वर्ष 2021 के अपराधिक आंकड़ों ने जयपुर वासियों की नींद (NCRB report for 2021) उड़ा कर रख दी है. जिस तरह के आंकड़े सामने आए हैं, उसके बाद गुलाबी नगरी को क्राइम कैपिटल कहने में कोई दो राय नहीं है. जयपुर में हर तरह के अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बात दुष्कर्म, महिला उत्पीड़न, वाहन चोरी की करें तो सभी प्रकरणों में जयपुर पूरे देश में टॉप 3 पर मौजूद है.
जहां पहले लोगों के बीच में जयपुर की छवि एक शांत शहर के रूप में व्याप्त थी तो वहीं अब लोगों की नजरों (Crime Cases in Rajasthan) में जयपुर क्राइम कैपिटल बन गया है. एनसीआरबी की ओर से जारी किए गए वर्ष 2021 के अपराधिक आंकड़े ना केवल जयपुर शहर के लिए चिंता का एक बड़ा विषय है, बल्कि पुलिस के लिए एक बड़ी चेतावनी भी है.
दुष्कर्म के प्रकरणों में मेट्रो शहरों की स्थितिः एनसीआरबी की ओर से जारी किए गए वर्ष 2021 के आपराधिक आंकड़ों (Rape Cases in Rajasthan) पर नजर डालें तो दुष्कर्म के मामले में मेट्रोपोलिटन शहरों में दिल्ली के बाद जयपुर पूरे देश में दूसरे नंबर पर है. राष्ट्र की राजधानी दिल्ली में वर्ष 2021 में 1232 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुई. दिल्ली में दुष्कर्म की क्राइम रेट 1.62 की गई. इसके बाद दूसरे नंबर पर राजस्थान की राजधानी जयपुर का नंबर आता है. जहां वर्ष 2021 में 503 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुई और दुष्कर्म की क्राइम रेट 34.5 रही. इसी प्रकार से तीसरे नंबर पर मुंबई शहर शामिल है, जहां 2021 में 366 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुई और दुष्कर्म की क्राइम रेट 4.3 रही.
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महिला उत्पीड़न के प्रकरणों में मेट्रो शहरों की स्थितिः इसी प्रकार की बात महिला उत्पीड़न की करें तो पहले नंबर पर (Women Harassment Cases in Rajasthan) देश की राजधानी दिल्ली का नाम आता है. 2021 में दिल्ली में 1051 महिलाएं महिला उत्पीड़न का शिकार हुई और महिला उत्पीड़न की क्राइम रेट 13.5 रही. इसी प्रकार से दूसरे नंबर पर मुंबई शहर का नाम आता है, जहां 2021 में 646 महिलाएं महिला उत्पीड़न का शिकार हुई और महिला उत्पीड़न की क्राइम रेट 7.6 रही. वहीं तीसरे नंबर पर राजस्थान की राजधानी जयपुर का नाम आता है, जहां 2021 में 492 महिलाएं महिला उत्पीड़न का शिकार हुई और महिला उत्पीड़न की क्राइम रेट 33.8 रही.
चोरी के प्रकरणों में मेट्रो शहरों की स्थितिः चोरी के प्रकरणों में पहले नंबर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का (Theft Cases in Rajasthan) नाम आता है. जहां वर्ष 2021 में 1,98,133 लोग चोरी का शिकार हुए. चोरी की क्राइम रेट 1214.4 रही. चोरी के प्रकरण में दूसरे नंबर पर राजस्थान की राजधानी जयपुर का नाम आता है, जहां वर्ष 2021 में 7,860 लोग चोरी का शिकार हुए. जयपुर में चोरी की क्राइम रेट 255.8 रही. इसी प्रकार से तीसरे नंबर पर मुंबई शहर का नाम आता है, जहां वर्ष 2021 में 7820 लोग चोरी का शिकार हुए. मुंबई में चोरी की क्राइम रेट 42.5 रही.
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वाहन चोरी के प्रकरणों में मेट्रो शहरों की स्थितिःवाहन चोरी के प्रकरणों में पहले नंबर पर देश की राजधानी दिल्ली का नाम आता है जहां वर्ष 2021 में 38013 लोग वाहन चोरी का शिकार हुए. दिल्ली में वाहन चोरी की क्राइम रेट 231.5 रही. इसी प्रकार से वाहन चोरी के प्रकरणों में दूसरे नंबर पर राजस्थान की राजधानी जयपुर का नाम आता है, जहां वर्ष 2021 में 5,682 लोग वाहन चोरी का शिकार हुए. जयपुर में वाहन चोरी की क्राइम रेट 184.9 रही. वहीं तीसरे नंबर पर मुंबई शहर का नाम आता है जहां वर्ष 2021 में 3,292 लोग वाहन चोरी का शिकार हुए. मुंबई में वाहन चोरी की क्राइम रेट 17.8 रही.
चोरी के प्रकरण में जयपुर दूसरे नंबर पर हिट एंड रन के प्रकरणों में मेट्रो शहरों की स्थितिः यदि बात हिट एंड रन के प्रकरणों की करें तो पहले (Hit and Run Cases in Rajasthan) नंबर पर देश की राजधानी दिल्ली का नाम आता है. जहां वर्ष 2021 में 586 लोग हिट एंड रन का शिकार हुए. दिल्ली में हिट एंड रन की क्राइम रेट 3.5 रही. इसी प्रकार से दूसरे नंबर पर लखनऊ शहर का नाम आता है, जहां 2021 में 442 लोग हिट एंड रन का शिकार हुए. लखनऊ में हिट एंड रन की क्राइम रेट 15.2 रही. वहीं तीसरे नंबर पर राजस्थान की राजधानी जयपुर का नाम आता है, जहां वर्ष 2021 में 268 लोग हिट एंड रन का शिकार हुए. जयपुर में ही हिट एंड रन की क्राइम रेट 8.0 रही. चौथे नंबर पर नागपुर शहर का नाम आता है, जहां वर्ष 2021 में 249 लोग हिट एंड रन का शिकार हुए. नागपुर में हिट एंड रन की क्राइम रेट 9.7 रही.
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महिला अत्याचारों के निस्तारण में राजस्थान देश में नंबर वन:एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि प्रदेश में फ्री एफआईआर रजिस्ट्रेशन की पॉलिसी के चलते हर वर्ष दुष्कर्म के प्रकरणों के दर्ज होने के आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि 45 से 46% प्रकरणों में एफआर अदम वकू पेश किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि महिला अत्याचारों के निस्तारण में राजस्थान देश में नंबर एक पर है. पुलिस थाने आने वाले हर परिवादी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की जाती है और यदि थाने पर एफआईआर दर्ज नहीं हो तो परिवादी एसपी ऑफिस में अपनी एफआईआर दर्ज करवा सकता है. प्रदेश में फ्री एफआईआर रजिस्ट्रेशन पॉलिसी के चलते महिलाओं और बालिकाओं को काफी राहत मिली है. एफआईआर दर्ज होने के समय इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि मामला सही है या झूठा. लेकिन गहनता से अनुसंधान करने के बाद पुलिस प्रकरण में कार्रवाई करती है.