जयपुर.कोरोना वायरस को लेकर देशभर में डर का माहौल बना हुआ है. प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है. संक्रमण को देखते हुए इंसानों के साथ जानवरों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है. जिसके तहत राजधानी जयपुर में हाथियों की कोरोना जांच के लिए हाथी गांव में तीन दिवसीय मेडिकल चेकअप कैंप लगाया गया है.
हाथियों की हुई कोरोना जांच वन विभाग और पशुपालन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में हाथियों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन हुआ. 10 जून से 12 जून तक हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. बता दें कि आमेर में करीब 103 हाथी हैं. इन सभी हाथियों का मेडिकल कैंप में कोरोना जांच के साथ ही अन्य स्वास्थ्य परीक्षण भी किए गए. सभी हाथियों के सैंपल लिए गए हैं, इन सैंपल को जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा जाएगा.
रिपोर्ट आने के बाद ही हाथियों की कोरोना रिपोर्ट सामने आ पाएगी. वैसे तो हर साल हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण विशेष तौर पर कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं. जिससे हाथियों में कोरोना संक्रमण ना फैल सके. वहीं स्वास्थ्य परीक्षण होने के बाद हाथियों को फिट और अनफिट होने का सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
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वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने सभी हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. डॉ. माथुर ने बताया कि स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में हाथियों के विभिन्न जांच की जा रही है. सभी हाथियों का शारीरिक परीक्षण किया जा रहा है.
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परीक्षण में हाथियों की आंखों की जांच, पैरों की जांच, स्कीन की जांच और शरीर के घावों की जांच की गई है. इसके साथ ही हाथियों के ब्लड सैंपल भी लिए गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि कौन से हाथी को क्या प्रॉब्लम है. अगर किसी हाथी को कोई प्रॉब्लम है तो उसका इलाज किया जाएगा. वहीं हाथी मालिक को हाथियों के लिए कई दवाइयां नि:शुल्क दी गई है.
डॉक्टर जांच के लिए सैंपल लेते हुए हाथी मालिकों को दी गई ट्रेनिंग...
डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि वन विभाग की ओर से हाथी मालिकों और महावतों के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया. जिसमें हाथियों की देखभाल और उनके स्वास्थ्य को मेंटेन रखने संबंधित जानकारियां दी गई. इसके साथ ही हाथियों के खानपान, हाथी की दिनचर्या और नहलाने के बारे में भी बताया गया. इसके साथ ही हाथियों के बीमार होने पर उनकी पहचान करने के तरीके भी सिखाए गए. मौसम परिवर्तन के साथ हाथियों को विशेष खानपान देने संबंधित जानकारियां भी दी गई.