जयपुर.ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को यानी गुरुवार को वट सावित्री अमावस्या (Vat Savitri) है. हिन्दू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए वट सावित्री व्रत काफी महत्व रखता है. इस उपवास को रख सुहागिन महिलाएं (Married Women) पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. गुरुवार को ही शनि जयंती भी है, जिसके चलते शनि मन्दिरों में तेलाभिषेक सहित अन्य आयोजन होंगे.
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ज्योतिषाचार्य पंडित गणपतलाल सेवग के अनुसार 26 मई 1873 के बाद यह पहला ऐसा मौका होगा कि जब शनि जयंती पर सूर्यग्रहण और बड़ पूजन अमावस्या का शुभ संयोग हो रहा है. इस दिन सुहागिन महिलाएं मां सावित्री और सत्यवान की पूजा करती हैं. महिलाएं वट के पेड़ की पूजा कर मां का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं. इसलिए वट वृक्ष की पूजा का शुभ मुहूर्त गुरुवार शाम 4.57 बजे तक होगा.
पूजा विधि