जयपुर. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते महंगाई आसमान छूने लगी है. इस बीच आमजन के लिए दो वक्त की रोटी बनाना भी अब मुश्किल होने लगा है. इसका कारण है घरेलू गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतें.
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पिछले 9 माह की बात की जाए तो केंद्र की ओर से घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में 7 बार बढ़ोतरी की गई है. सबसे बड़ी मुश्किल तो यह है कि बीते 15 महीने से भी अधिक समय से केंद्र सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर पर सब्सिडी भी बंद कर दी है.
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते महंगाई आसमान छूने लगी हैं. इस बीच एलपीजी की बढ़ती कीमतें सिर दर्द का कारण बन चुकी हैं. केंद्र भले ही महंगाई कम करने के दावे कर रही हो लेकिन घरेलू गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतें इन दावों को खोखला साबित कर रही है. ऐसे में एक सामान्य परिवार के लिए अब दो वक्त की रोटी भी मुश्किल होती नजर आ रही है.
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एलपीजी की कीमतों में इस साल 7 बार बढ़ोतरी हो चुकी है. बीते 1 महीने की बात की जाए तो 3 बार एलपीजी के दाम बढ़ चुके हैं. मौजूदा समय में सिलेंडर के दाम 888.50 रुपए पर पहुंच गया है. यानी बीते 9 माह की बात करें तो अब तक सिलेंडर पर तकरीबन 200 रुपए तक की बढ़ोतरी हो चुकी है. वहीं 1 महीने के अंतराल में ये बढ़ोतरी 75 रुपए तक की है. इसके अलावा कमर्शियल सिलेंडर में भी लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. मौजूदा समय में कमर्शियल सिलेंडर 1715 रुपए में मिल रहा है.
ऐसे बढ़े दाम
घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में हो रही बढ़ोतरी ने आमजन की रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है. इस साल की बात करें तो घरेलू गैस सिलेंडर में 4 फरवरी को 25 रुपए की बढ़ोतरी की गई. 15 फरवरी को 50 रुपए, 25 फरवरी को 25 रुपए, 1 मार्च को 25 रुपए, 1 जुलाई को 25.50 रुपए की बढ़ोतरी की गई. इसके बाद 17 अगस्त को 25 रुपए और 1 सितंबर को 25 रुपए की बढ़ोतरी की गई है.
सब्सिडी बंद
प्रदेश में तकरीबन 1 करोड़ 65 लाख घरेलू गैस के उपभोक्ता हैं. जिन्हें पिछले 15 महीनों से भी अधिक समय से घरेलू गैस पर मिलने वाली सब्सिडी का इंतजार है. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अप्रैल वर्ष 2020 के बाद घरेलू गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया गया है. इसके अलावा उज्जवला योजना से जुड़े तकरीबन 65 लाख उपभोक्ता प्रदेश में हैं जिसमें से 40 फीसदी उपभोक्ताओं ने सब्सिडी नहीं मिलने के बाद सिलेंडर लेना भी बंद कर दिया है.