जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में सवाई माधोपुर की पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि डीजे स्तर के अधिकारी को अपने फैसले देते समय समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों से प्रभावित नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि जिले में समान प्रकृति के अपराध होने के आधार पर जमानत अर्जी खारिज नहीं की जानी चाहिए. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश विनोद कुमार उर्फ भोलाराम की जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया.
न्यायाधीश शर्मा ने हाईकोर्ट में दिए अपने आदेश में कहा कि पॉक्सो कोर्ट ने जमानत अर्जी पर आदेश देते समय पुलिस अधिकारियों पर गंभीर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियों से कोर्ट, प्रशासन और पुलिस पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है. कोर्ट को सिर्फ मुकदमे से संबंधित तथ्यों तक ही सीमित रहना चाहिए. अदालत ने पॉक्सो जज को भविष्य में ऐसी प्रतिकूल टिप्पणियां देने को लेकर सचेत रहने के निर्देश दिए हैं.
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