जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई में कहा कि यदि जेल में बंद आरोपी के खिलाफ तय समयावधि में अधूरा आरोप पत्र पेश करने पर उसे लौटा दिया जाता है. समयावधि पूरी होने तक पूर्ण आरोप पत्र पेश नहीं किया जाता तो आरोपी को सीआरपीसी की धारा- 167(2) के तहत रिहा होने का अधिकार है.
इसके साथ ही अदालत ने बायो डीजल धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार आरोपी याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जिसे न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने नवीन पंवार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता अजय जैन ने अदालत को बताया कि कानोता थाना पुलिस ने याचिकाकर्ता को बायो डीजल धोखाधड़ी के मामले में गत 19 जून को गिरफ्तार किया था, जिसे पुलिस की ओर से दो बार निचली अदालत में अधूरा आरोप पत्र पेश किया गया था, जिसे अदालत ने पुलिस को लौटा दिया.