जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने ग्राम पंचायत में सीधे तौर पर संविदा पर नियुक्त कर्मचारी को प्लेसमेंट एजेन्सी के अधीन करने पर प्रमुख ग्रामीण विकास सचिव, अजमेर जिला परिषद के सीईओ और केकडी बीडीओ सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को सीधे वेतन देने के निर्देश देते हुए उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश गोपीराम गुर्जर की याचिका पर दिए हैं.
याचिका में अधिवक्ता राकेश कुमार सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सलारी ग्राम पंचायत में बीस साल पहले संविदा पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लगा था. वहीं बाद में उसे सुरक्षा गार्ड लगा दिया है. याचिका में कहा गया कि गत 27 जनवरी को जिला परिषद ने प्रस्ताव लेकर याचिकाकर्ता की सेवाओं को प्लेसमेंट एजेन्सी के अधीन कर दिया.