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Published : Dec 4, 2020, 10:10 PM IST

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नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में खेल कोटे से नियुक्ति नहीं देने पर HC ने मांगा जवाब

राजस्थान हाइ कोर्ट ने नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में खिलाड़ी को खेल कोटे में नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश संदीप पूनिया की याचिका पर दिए हैं.

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नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में खेल कोटे से नियुक्ति नहीं देने पर HC ने मांगा जवाब

जयपुर. राजस्थान हाइ कोर्ट ने नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में खिलाड़ी को खेल कोटे में नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश संदीप पूनिया की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया की याचिकाकर्ता ने नेशनल लेवल पर बॉलीबाल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है. इसके बावजूद भी भर्ती में विभाग उसके खेल प्रमाण पत्र को मान्य नहीं मान रहा है.

नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में खेल कोटे से नियुक्ति नहीं देने पर HC ने मांगा जवाब

याचिका में कहा गया कि नियमानुसार नेशनल लेवल पर खेल चुका खिलाड़ी स्पोर्ट्स कोटे में नियुक्ति पाने का अधिकारी है. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से संबंधित अधिकारियों को अभ्यावेदन भी पेश किया है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया

राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और आरपीएसी को नोटिस जारी कर पूछा है कि जब पर्यावरण अध्ययन विषय को कॉलेजों अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाया जा रहा है, तो इसके शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं हो रही है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश फिरोज खान की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि उच्च शिक्षा में पर्यावरण अध्ययन को एक अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाया जाता है. इसके बावजूद भी कॉलेजों में इस विषय के योग्य शिक्षक नियुक्त नहीं है. सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार आरपीएससी ने अब तक पर्यावरण अध्ययन के शिक्षक के एक भी पद पर अब तक भर्ती नहीं निकाली है.

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वहीं इस विषय को पढ़ाने वाले यूजीसी के मापदंड पूरा नहीं कर रहे हैं. याचिका में कहा गया कि आरपीएससी की ओर से गत 2 नवंबर को निकाली गई असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में इस इस विषय को शामिल नहीं किया गया है. याचिका में गुहार लगाई गई है कि इस भर्ती को रद्द कर पर्यावरण अध्ययन के विषय को शामिल करते हुए नए सिरे से भर्ती निकाली जानी चाहिए.

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