जयपुर.केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राजस्थान में बुधवार को दो मेडिकल कॉलेज और तीन सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का लोकार्पण किया. प्रदेश के जिन दो नए मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हुआ, उनमें से एक भरतपुर और दूसरा भीलवाड़ा में स्थित है. इनका निर्माण प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत किया गया है.
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीसरे चरण में देश के पिछड़े जिलों में 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया था. राजस्थान सरकार ने इस दिशा में तत्परता दिखाते हुए जल्द प्रस्ताव भेजे, जिसके चलते राजस्थान को सबसे ज्यादा 15 मेडिकल कॉलेज मिल सके.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दो मेडिकल कॉलेज का किया लोकार्पण उन्होंने कोरोना की लड़ाई में राजस्थान सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि केन्द्र के प्रयासों के साथ ही राजस्थान पूरी मुस्तैदी के साथ यह लड़ाई लड़ रहा है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त कराने का लक्ष्य रखा है. इस दिशा में राज्यों से भी सहयोग अपेक्षित है. डॉ. हर्षवर्धन ने देश के चिकित्सा ढांचे को मजबूत बनाने के लिए आयुष्मान भारत, ईट राइट, फिट इंडिया, हेल्थ फॉर ऑल और टेली मेडिसिन आदि नवाचारों एवं योजनाओं का उल्लेख भी किया.
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केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए बीते कुछ साल से देश में 157 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृतियां जारी की गई हैं. प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में कोरोना को लेकर बेहतरीन मैनेजमेंट किया गया. जुलाई और अगस्त माह में यहां मृत्युदर एक प्रतिशत से भी कम रही है.
साथ ही रिकवरी रेट भी राष्ट्रीय औसत से बेहतर है. चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं का संचालन पूर्व की भांति 75 अनुपात 25 के आधार पर ही किया जाए. वीसी की शुरूआत में चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने प्रदेश में मेडिकल सुविधाओं के विस्तार की जानकारी दी.
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इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, गृह रक्षा राज्यमंत्री भजनलाल जाटव, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिवांगी स्वर्णकार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित संबंधित सांसद, विधायक और केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यक्रम से जुड़े.
मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा और उदयपुर मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी विभाग में आचार्य के 6, सह आचार्य के तीन और सहायक आचार्य के एक नवीन पद सृजन को मंजूरी दी है. साथ ही सह आचार्य के एक पद को आचार्य में अपग्रेड किया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर मेडिकल कॉलेज में एंडोक्रायोनोलॉजी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी और जीआई सर्जरी में आचार्य के एक-एक पद, कोटा मेडिकल कॉलेज में न्यूरो सर्जरी आचार्य के एक पद, मेडिकल कॉलेज उदयपुर में यूरोलॉजी तथा जीआई सर्जरी के सह आचार्य के एक-एक पद, मेडिकल कॉलेज कोटा में प्लास्टिक सर्जरी के सह आचार्य के एक पद तथा मेडिकल कॉलेज उदयपुर में जीआई सर्जरी के सहायक आचार्य के एक पद को स्वीकृति दी है. उन्होंने उदयपुर मेडिकल कॉलेज में ही गेस्ट्रोएण्ट्रोलॉजी के पूर्व में स्वीकृत सह आचार्य पद को आचार्य के पद पर अपग्रेड किया है.
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गहलोत की इस स्वीकृति से इन दोनों महाविद्यालयों के सुपर स्पेशियलिटी विभाग में मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया के मापदण्डों के अनुसार कोर्स का संचालन हो सकेगा. बता दें कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने अपने बजट भाषण में प्रतिवर्ष 75 हजार नौकरी देने की घोषण की थी. लेकिन कोरोना महामारी के बीच इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने 16 हजार से ज्यादा बेरोजगारों को नौकरी दे दी है. जबकि 35 हजार नौकरी के लिए रोड मैप तैयार है.