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कोरोना पर जयपुर के गांवों की ग्राउंड रिपोर्ट, जागरूकता का अभाव दिखाई दे रहा साफ

कोरोना वायरस से बचाव के लिए भले ही सरकार ने गांवों के लिए 60 करोड़ रुपये जारी किए हों, लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीणों को ये जानकारी नहीं है कि कोरोना संक्रमण क्या है और न ही ग्रामीण सैनिटाइजर और मास्क के बारे में जानते हैं. वो अपने मुंह पहले की तरह कपड़े से ही बांध रहे हैं. बस यह पता है कि कोई बीमारी फैली है जिससे बचने के लिए दूर रहना है और बीमारी के चलते ही गाड़ियां बंद की गई हैं.

Ground Report on Corona, जयपुर न्यूज
कोरोना पर जयपुर के गांवों की ग्राउंड रिपोर्ट

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Published : Apr 2, 2020, 2:05 PM IST

चौमू (जयपुर). कोरोना वायरस का संक्रमण देश में बढ़ता जा रहा है, हालांकि अच्छी खबर यह है कि अब तक इसका भारत में कम्युनिटी स्प्रेड नहीं हुआ है. वहीं उससे भी अच्छी खबर यह है कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में देश की बड़ी आबादी निवास करती है. उस आबादी को भी अब तक कोरोना प्रभावित नहीं कर पाया है.

कोरोना पर जयपुर के गांवों की ग्राउंड रिपोर्ट

कोरोना वायरस का संक्रमण क्या है, इससे बचने के लिए क्या कुछ किया जाए, इसे लेकर केंद्र और राज्य सरकार भले ही कितने ही दावे कर ले, लेकिन हकीकत यह है कि राजस्थान के गांव में अब तक ग्रामीणों को यह जानकारी नहीं है कि यह कोरोना वायरस क्या है और इससे क्या बीमारी फैलती है. ग्रामीण तो केवल यह कहते नजर आ रहे हैं कि उन्होंने सुना है कि कोई बीमारी देश में फैल रही है, जिसके चलते आवाजाही के साधनों को रोक दिया गया है. इसके चलते वह अब कहीं आ-जा नहीं पा रहे हैं.

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इसके साथ ही कोरोना वायरस से बचाव के लिए जहां हर कोई यह कह रहा है कि मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. वहीं यह ग्रामीण अपने स्तर पर जो पगड़ी यह पहनते हैं. उसी का कुछ हिस्सा अपने मुंह पर बांध लेते हैं, यह नहीं जानते कि सैनिटाइजर क्या है, लेकिन इतना इन्हें जरूर जानकारी है कि बार-बार साबुन से हाथ धोना है. वहीं ग्रामीणों का साफ तौर पर आरोप है कि वोट मांगते समय तो उनके गांव में जनप्रतिनिधि पहुंचते हैं, लेकिन इस बीमारी के दौरान जब उनकी फसलें खराब हो रही हैं और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो कोई भी जनप्रतिनिधि उन तक नहीं पहुंचा है.

यह हालात हम आपको राजस्थान के किसी सुदूर गांव के नहीं, बल्कि जयपुर से महज 40 से 50 किलोमीटर दूरी पर स्थित बिहारीपुरा पंचायत समिति के पोखर शाह के पास गांव के बता रहे हैं. जहां बागड़ा समाज का जो परिवार है वो सीधे तौर पर यह बात कहता नजर आ रहा है कि उन्हें यह पता है कि उनके काम धंधे बंद हो गए हैं, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें अभी कोई किसी तरीके की राहत नहीं मिली है.

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बता दें कि प्रदेश में हर गांव तक सैनिटाइजर और मास्क पहुंचें, इसके लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने 60 करोड़ रुपये दिए हैं. जिसके तहत हर गांव को करीब 50 हजार रुपये सैनिटाइजर और मास्क खरीदने के लिए मिलने हैं, लेकिन हकीकत यह है कि गांव वालों को कोरोना वायरस से लड़ने के हथियार तो दूर की बात उन्हें अब तक यह जानकारी भी नहीं पहुंचाई गई है कि इस भयानक संक्रमण से देश जूझ रहा है और उन्हें क्या सावधानियां बरतनी हैं.

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