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ग्रेटर नगर निगम का एएफओ और उसका ड्राइवर 90 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, अब बीते 6 महीने में जारी की गई एनओसी की भी होगी जांच

एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर एसआईडब्ल्यू इकाई द्वारा सोमवार को ग्रेटर नगर निगम में कार्रवाई करते हुए सहायक अग्निशमन अधिकारी छोटूराम और उसके ड्राइवर फतेह सिंह को 90000 रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. एसीबी की कार्रवाई के बाद फायर समिति के चेयरमैन पारस जैन ने छोटूराम द्वारा बीते 6 महीनों में जारी की गई तमाम एनओसी की समीक्षा और मूल्यांकन करने की नोटशीट चलाई है.

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एएफओ रिश्वत लेते गिरफ्तार

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Published : Apr 12, 2021, 11:02 PM IST

जयपुर. एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर एसआईडब्ल्यू इकाई द्वारा सोमवार को ग्रेटर नगर निगम में कार्रवाई करते हुए सहायक अग्निशमन अधिकारी छोटूराम और उसके ड्राइवर फतेह सिंह को 90000 रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. एसीबी की कार्रवाई के बाद फायर समिति के चेयरमैन पारस जैन ने छोटूराम द्वारा बीते 6 महीनों में जारी की गई तमाम एनओसी की समीक्षा और मूल्यांकन करने की नोटशीट चलाई है.

पढ़ें:जयपुर एसीबी की कार्रवाई, 90 हजार की रिश्वत लेते AFO और उसका ड्राइवर गिरफ्तार

एसीबी की एसआईडब्ल्यू इकाई को परिवादी द्वारा फायर सिस्टम की एनओसी जारी करने की एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत दी गई थी. आरोप था कि एएफओ छोटू राम द्वारा उसके ड्राइवर फतेह सिंह के मार्फत 90000 रिश्वत राशि मांग कर परेशान किया जा रहा है. जिस पर एसीबी की टीम ने ट्रैप कार्रवाई करते हुए छोटूराम और उसके ड्राइवर को परिवादी से 90000 रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. इस कार्रवाई के बाद ग्रेटर नगर निगम फायर समिति के अध्यक्ष पारस जैन ने छोटू राम द्वारा बीते छह महीनों में जारी की गई तमाम एनओसी की गहन समीक्षा और मूल्यांकन कर, रिपोर्ट पेश करने की नोट शीट चलाई है.

पिछले 6 महीनों की फायर एनओसी की होगी जांच

उन्होंने कहा कि छोटूराम को लेकर लगातार शिकायत मिल रही थी. यही वजह थी कि फायर डिपार्टमेंट का हेड क्वार्टर वीकेआई से निगम मुख्यालय लाने का प्रस्ताव लिया गया था. उन्होंने बताया कि छोटूराम के साथ क्रिस्टल कोर्ट का मुआयना किया था, तब अनियमितता पाए जाने की स्थिति में छोटूराम को ये तक नहीं पता था कि यहां फायर एनओसी उसी के द्वारा जारी की गई है. ऐसे में अब 6 महीने की एनओसी रिपोर्ट मांगी गई है. उधर, आरोपियों के आवास और दूसरे ठिकानों की भी एसीबी टीमों द्वारा तलाशी जारी है. एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा.

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