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सरकार को ढाई महीने में चलना है 'सैकड़ों कोस', दिसंबर तक करना है परकोटे को अतिक्रमण मुक्त - जयपुर की ताजा खबर

14 अक्टूबर से राजधानी के परकोटा क्षेत्र में ड्रोन से सर्वे शुरू होगा. जहां अवैध इमारतों को चिन्हित किया जाएगा और दीपावली बाद इन पर कार्रवाई भी होगी.

jaipur parkota, जयपुर परकोटा

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Published : Oct 13, 2019, 7:13 PM IST

जयपुर. 14 अक्टूबर यानी सोमवार से राजधानी के परकोटा क्षेत्र में ड्रोन से सर्वे शुरू होगा. जिसकी शुरुआत मंत्री शांति धारीवाल करेंगे. जिसके तहत परकोटे की एक-एक इमारत का सर्वे कर अवैध इमारतों को चिन्हित किया जाएगा. वहीं, दीपावली बाद इन पर कार्रवाई भी होगी, लेकिन इस बड़ी चुनौती पर पार पाने के लिए अब सरकार के पास महज ढाई महीने का समय शेष रहा है.

दिसंबर तक करना है परकोटे को अतिक्रमण मुक्त

6 जुलाई 2019 को जयपुर के परकोटे को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था. हालांकि उस वक्त यूनेस्को की ओर से परकोटा क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण को हटाने को लेकर गाइडलाइन दी गई थी, लेकिन बीते 3 महीने में सरकार की ओर से महज वाहवाही बटोरने का काम किया गया. जिसका नतीजा ये है कि अब सरकार को ढाई महीने में सैकड़ों कोस चलना है.

सीधे शब्दों में कहें तो कम समय में ज्यादा काम करके दिखाना सरकार, जिम्मेदार विभाग और शहरवासियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि सोमवार से सरकार ड्रोन से सर्वे कराकर अपने अभियान की शुरुआत करने जा रही है. सर्वे के दौरान बहुमंजिला निर्माण और अतिक्रमण को सूचीबद्ध किया जाएगा और दीपावली के बाद इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही यूडीएच मंत्री की ओर से चारदीवारी क्षेत्र में जल्द हेरिटेज बायलॉज लागू की जाने की बात भी की जा रही है.

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जिसका काम लगभग पूरा हो चुका है. साथ ही चारदीवारी के अंदर विरासत संरक्षण के संबंध में बिल भी लागू किया जाएगा. हालांकि नगर निगम के पास सालों से परकोटे में अतिक्रमण की सूची तैयार है, जिसमें करीब 1800 निर्माण चिन्हित किए हुए हैं. लेकिन निगम ने अब तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की है. सूची के मुताबिक-

जोन अतिक्रमण

  • हवामहल पूर्व-979
  • हवामहल पश्चिम-334
  • सिविल लाइंस-292
  • आमेर-157
  • मोती डूंगरी-106

आपको बता दें कि इसी साल दिसंबर में यूनेस्को की टीम फिर से परकोटे को देखने आएगी. इस दौरान उस गाइडलाइन को भी टटोला जाएगा, जो यूनेस्को की ओर से विश्व विरासत सूची में शामिल करने के दौरान प्रशासन को दी गई थी. ऐसे में शहर की साख बचाने के लिए अब समय काफी कम बचा है.

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