जयपुर: सचिन पायलट की नाराजगी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर राजस्थान में लगातार कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को जल्द से जल्द करने का दबाव पर पड़ रहा है. अब तक तो केवल यह आवाज पायलट कैंप के विधायक ही उठा रहे थे लेकिन अब यह बात गहलोत गुट के विधायक भी करने लगे हैं.
जल्द कैबिनेट विस्तार की वकालत
बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों में से एक लाखन मीणा ने भी रविवार को कैबिनेट विस्तार प्रदेश में जल्द से जल्द करने की वकालत की. लाखन मीणा ने कहा कि मेरा भी मानना है कि प्रदेश में कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां जल्द से जल्द होनी चाहिए.
'खाली पड़े विभागों से ब्यूरोक्रेसी हावी'
लाखन मीणा ने कहा कि अभी नौ मंत्रियों की कमी से कई विभाग ब्यूरोक्रेसी के भरोसे चल रहे हैं. मंत्री बनाने से विभागों की सही मॉनिटरिंग हो सकेगी. लखन मीणा ने मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी कहा कि कार्यकर्ता लंबे समय से नियुक्तियों की आस लगा कर बैठे हैं. ऐसे में नियुक्तियां भी जल्द से जल्द होनी चाहिए.
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सोमवार को स्ट्रेटजी बनाएंगे बसपा से कांग्रेस में आए विधायक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नंबर गेम के हिसाब से सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक उस समय मारा, जब उन्होंने बसपा के सभी 6 विधायकों को कांग्रेस में सम्मिलित करवा दिया. इससे कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 101 से बढ़कर 107 हो गई. जिसके चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर से दबाव भी कम हुआ. लेकिन बसपा से कांग्रेस में सम्मिलित होने वाले विधायकों को यह पूरी उम्मीद थी कि इतना बड़ा साथ देने के बदले उन को मंत्री पद से नवाजा जाएगा. लेकिन राजस्थान में हुई राजनीतिक उठापटक के चलते बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों की भी कुर्सी अटक गई.