जयपुर.प्रदेश में मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग के सामने आ रहे मामलों को लेकर राज्य सरकार सख्ती बरती जा रही है. इसके लिए गहलोत सरकार कानून का मसौदा तैयार कर लिया है. इसी बजट सत्र में विधेयक पारित कर कानून बनाया जाएगा. इसको लेकर उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग के सख्त कानून के मसौदे को मुहर लग सकती है.
पढ़ें- हेल्थ इंडेक्स में जयपुर बाहर, पूर्व चिकित्सा मंत्री सराफ ने कहा - मौजूदा सरकार नाकारा, दो गुटों में बंटी है
दरअसल, पहले संभावना जताई जा रही थी कि विधानसभा सत्र 29 जुलाई तक ही चलेगा. लेकिन बीएससी की बैठक में सत्र 2 अगस्त चलना तय किया गया है. जो कि प्रदेश में कथित गौ रक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा किसी भी जान लेने के मामले सामने आए हैं. ऐसे में कांग्रेस सरकार का मानना है कि इस तरह से किसी की जान लेने का किसी को भी अधिकार नहीं है और ऐसे उपद्रवियों व कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
सोमवार को गहलोत कैबिनेट की बैठक मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में पहले से ही मॉब लिंचिंग की प्रभावी रोकथाम के लिए कानून बनाया हुआ है. वहीं ऑनर किलिंग के भी कई मामले सामने आ रहे हैं. सरकार की मंशा है कि जब बालिग युवक युवती अपनी मर्जी से अंतर जाति विवाह कर लेते तो समाज और परिवार जन द्वारा प्रताड़ित किए जाने और कई मामलों में युवक युवती की हत्या भी की जाने की घटना सामने आई है. ऐसे में इन दोनों मामलों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कानून बनाया जा रहा है. इसमें कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा. सोमवार को होने वाली मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मसौदे पर मुहर लग सकती है.
कैबिनेट में हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति को लेकर भी बड़ा निर्णय ले जाने की संभावना है. चर्चा है कि हेल्थ यूनिवर्सिटी में भर्तियां सहित कई प्रकार की गड़बड़ियों की शिकायतें सरकार को मिली है. जो कि वर्तमान में कुलपति राजा बाबू पंवार है और उनकी नियुक्त 2017 में 5 साल के लिए की गई थी. वह सोमवार को होने वाली बैठक में हुक्का बार पर रोक लगाने के लिए कानून भी लाया जा सकता है. सिलिकोसिस बीमारी की रोकथाम के लिए तीन विभागों को मिलकर एक नीति की घोषणा की जा सकती है.
पढ़ें- राइट टू हेल्थ बिल लाने से पहले सरकार स्वास्थ्य योजना को सही करे: कालीचरण सराफ
दरअसल, जानलेवा हो रही सिलिकोसिस की रोकथाम के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग खनन विभाग और सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग को मिलकर नई नीति बनाई जाएगी. जिस पर सोमवार को कैबिनेट में लग सकती है.