राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Rajasthan MPs on Twitter: सोशल मीडिया पर फालोअर्स भी है जनाधार का एक पैमाना, कुछ एक्टिव तो कुछ सांसद दूसरों के सहारे चला रहे अपना अकाउंट

मौजूदा समय सोशल मीडिया का (Rajasthan MPs On Social Media) है. हर आमो खास विभिन्न प्लेटफॉर्म्स के जरिए अपनी बात एक ही समय में बहुतों तक पहुंचाता है. राजनेता भी इसकी अहमियत पहचानते हैं. जानते हैं कि जो चाहते हैं उसे कुछ सेकेंड्स में करोड़ों तक आसानी से पहुंचा देंगे. तभी तो इन दिनों राजनैतिक दल विशेष प्रशिक्षण प्रोग्राम चलाते हैं. माननीयों को ट्रेन किया जा रहा है. भाजपा विधानसभा चुनाव सोशल प्लेटफॉर्म्स का सटीक इस्तेमाल कर लड़ना चाहती है. लेकिन सवाल ये उठता है कि मुट्ठी भर नेताओं की सक्रियता क्या वो कामयाबी दिलवा पाएगी जिसकी अपेक्षा की जा रही है!

Rajasthan MPs on Twitter:
सोशल मीडिया पर फालोअर्स भी है जनाधार का एक पैमाना

By

Published : Jun 16, 2022, 6:00 AM IST

Updated : Jun 16, 2022, 6:34 AM IST

जयपुर.राजस्थान से संसद तक का सफर तय करने वाले ऐसे माननीयों की कमी नहीं जो सोशल प्लेटफॉर्म के मामले में अनाड़ी (Rajasthan MPs On Social Media) हैं. इन्हें सोशल मीडिया का अ, ब, स तक नहीं पता. कुछ ऐसे भी हैं जिनमें तकनीकी ज्ञान की कमी है, व्यस्तता भी है. इसके चलते इन्होंने अपने अकाउंट हैंडल करने का जिम्मा किसी और को सौंप रखा है (MP Inactive On Twitter) जो गाहे बगाहे इन्हें अपडेट करते रहते हैं. वैसे कुछ सांसद ऐसे भी हैं जो मॉर्डन तकनीक से भलीभांति परिचित हैं और किसी भी ट्रेंडी मुद्दे पर तुरंत रिस्पान्ड कर देते हैं. इनके फॉलोअर्स की लिस्ट भी अच्छी खासी है.

भाजपा के यह सांसद ट्विटर पर एक्टिव,राठौड़ के सर्वाधिक फॉलोअर्स: राजस्थान में लोकसभा और भाजपा के राज्यसभा सांसदों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नजर डालें तो अधिकतर सांसद इसमें एक्टिव हैं. फॉलोअर्स की दृष्टि से लोकसभा सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के सर्वाधिक 17 लाख फॉलोअर्स हैं और इस तरह ये नम्बर 1 हैं. दूसरे नंबर पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव हैं जिनके 5 लाख 6 हजार फॉलोअर्स हैं. तीसरे नंबर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला हैं. ट्विटर पर इन्हें 5 लाख 75 हजार लोग फॉलो करते हैं. चौथे नंबर पर जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम आता है जिनके 4 लाख 98 हजार फॉलोअर्स हैं. इसी तरह पांचवे नंबर पर राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा हैं. इनके ट्विटर पर 4 लाख 60 हजार फॉलोअर्स हैं. इसके बाद राजसमंद सांसद दीया कुमारी हैं जिनके 4 लाख 34 हजार फ़ॉलोअर्स हैं. भाजपा सांसदों के अलावा एक और सांसद है जिन्हें फॉलोअर्स की कमी नहीं. ये हैं RLP अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल. इनके 8 लाख 25 हजार फॉलोअर्स हैं.

टॉप 6 एक्टिव माननीय

सोशल मीडिया पर ये हैं कम एक्टिव: अब बात उन भाजपा सांसदों की जो सोशल मीडिया की रेस में फिसड्डी हैं. इन भाजपा सांसदों केअधिकारिक अकाउंट तो हैं लेकिन ये खुद इस पर सक्रिय कम ही रहते हैं. सोशल मीडिया अकाउंट ऑपरेट करने के लिए अपने परिजनों या कर्मचारी पर निर्भर रहते हैं. टि्वटर पर फॉलोअर्स की दृष्टि से भी देखा जाए तो प्रदेश के सांसदों में सबसे कम फॉलोअर्स उदयपुर लोकसभा से सांसद अर्जुन लाल मीणा के है जिनके महज 5384 फॉलोअर्स ही हैं. इनसे बेहतर स्थिति भीलवाड़ा सांसद सुभाष बेहड़िया का है जिनके ट्वीटर पर 5830 फ़ॉलोअर्स हैं. इसी तरह नीचे से तीसरे नंबर पर भाजपा राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत हैं जिनके ट्वीटर पर 5914 फॉलोअर्स हैं और चौथे नंबर पर राज्यसभा के लिए नव निर्वाचित सांसद घनश्याम तिवाड़ी हैं जिनके 7630 फॉलोअर्स हैं. तिवाड़ी ने तो राज्यसभा सांसद बनने के बाद से अब तक ट्विटर पर नए पद को अपडेट भी नहीं किया है. वहीं नीचे से पांचवें नंबर पर अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी का नंबर आता है जिनके टि्वटर पर 8969 फॉलोअर्स हैं. इसके बाद झुंझुनू सांसद नरेंद्र कुमार हैं जिनके ट्विटर पर 9901 फॉलोअर्स हैं.

फॉलोअर्स के मामले में बैक बैंचर!

फॉलोअर्स की संख्या लोकप्रियता का पैमाना: ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से इन दिनों राजनेता और कोई भी प्रसिद्ध व्यक्ति अपनी बात लाखों-करोड़ों लोगों तक पहुंचाता है. जिस हस्ती के जितने अधिक फॉलोअर्स वो उतना ही बड़ा और जनाधार रखने वाला माना जाता है. ये युवा भारत के साथ इनके जुड़ाव को भी दर्शाता है. पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा ने जिस अंदाज में सोशल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया और उसे सफलता मिली वो उम्मीद से कहीं ज्यादा थी. तभी से विभिन्न दलों ने इसमें खुद को झोंक रखा है. हर बात, बहस और ट्रोलिंग इस पर होती है और पॉपुलर सेंटिमेंट को परखा जा सकता है. जितना नेतागण एक्टिव रहते हैं लगातार संवाद करते हैं उनके फॉलोअर्स में उतना ही इजाफा होता है और उनको क्षेत्रीय ही नहीं देशभर में पहचान मिलती है.

कुछ भोले नेता ऐसे भी: कुछ एक्टिव हैं , कुछ थोड़े कम तो कुछ इतने निष्क्रिय की इन्हें भोला ही कहा जा सकता है. सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया उनमें से ही एक हैं. जिनका अकाउंट तो है लेकिन अब तक इन्होंने किसी को फॉलो नहीं किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हों, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हों या प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया कोई भी लिस्ट में शामिल नहीं है. ये भी कम हैरत की बात नहीं कि टोंक सवाई माधोपुर से सांसद सुखबीर सिंह के ट्विटर पर 20 हजार 300 फॉलोअर हैं.

ऐसे ही एक और भोले नेता कनकमल कटारा हैं. बांसवाड़ा से सांसद कटारा को अपने टि्वटर अकाउंट की भी जानकारी नहीं है. कनकमल कटारा के नाम पर जब उनके ट्विटर को सर्च किया गया तो उनका कोई अकाउंट नहीं दिखा. ऐसे में उनसे फोन पर जब इसकी जानकारी ली गई तब उन्होंने अपने निजी सहायक के संज्ञान में ट्विटर अकाउंट होने की बात कही. भाजपा सोशल मीडिया प्रदेश टीम के पदाधिकारियों से भी जब इसकी जानकारी ली गई तो उन्होंने भी कनकमल कटारा के ट्विटर अकाउंट के बारे में अनभिज्ञता जता दी. मतलब साफ है या तो कटारा का ट्विटर पर अकाउंट ही नहीं है या फिर उन्हें सोशल मीडिया से जुड़ी जानकारी का अभाव है.

ट्विटर पर माननीयों से जुड़े कुछ फैक्ट्स

पढ़ें-बंगाल इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया में प्रशिक्षण देगी भाजपा

ट्विटर पर डोटासरा ने पूनिया को पछाड़ा: प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रदेश के मुखिया ट्विटर पर कितने एक्टिव है और उनके कितने फॉलोअर्स हैं आइए ये भी जानते हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया टि्वटर पर फॉलोअर्स की संख्या के नजरिए से पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल से भी पीछे हैं. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा टि्वटर पर दिसंबर 2015 से जुड़े और वर्तमान में उनके 12 लाख फॉलोअर्स हैं. दूसरे नंबर पर आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल हैं जो नवंबर 2010 में ट्विटर पर जुड़ें और वर्तमान में उनके 8 लाख 25 हजार 4 वर्ष हैं. तीसरे नंबर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया हैं 2 दिसंबर 2013 में ट्विटर पर जुड़ें और वर्तमान में उनके 4 लाख 50 हजार फ़ॉलोअर्स हैं.

ये भी पढ़ें-Sachin Pilot on Social Media : RPN सिंह के भाजपा में जाने पर Trend हुए 'पायलट', सोशल मीडिया पर चले मीम्स

बीजेपी समय-समय पर देती है ट्रेनिंग: भाजपा की बड़ी से लेकर छोटी बैठकों तक में एक सत्र सोशल मीडिया और आईटी का होता है. मतलब साफ है कि भाजपा अगले चुनाव के लिए सोशल मीडिया को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि भाजपा से जुड़े तमाम नेता और पदाधिकारी सोशल मीडिया पर एक्टिव हों. इसके लिए भाजपा की सोशल मीडिया और आईटी विंग समय-समय पर जिला और राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कैंप भी करती है जिसमें पार्टी से जुड़े पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों को सोशल मीडिया की भूमिका और महत्व को समझाते हैं. लेकिन फेहरिस्त बताती है कि माननीयों पर इसका कोई खास असर हुआ नहीं है.

Last Updated : Jun 16, 2022, 6:34 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details