राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

जयपुर: प्रत्येक वार्ड में होंगे 55-55 लाख के विकास कार्य, हर वार्ड में लगेंगी 100-100 रोड लाइट

ग्रेटर नगर निगम के अब सभी वार्ड 100-100 नई रोड लाइट से रोशन होंगे. यही नहीं 55-55 लाख रुपए के विकास कार्य भी होंगे. सोमवार को ग्रेटर नगर निगम की एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में ये फैसले लिए गए. वहीं, कोविड-19 महामारी के प्रकोप से आमजन को बचाने के लिए नगर निगम ग्रेटर जयपुर की ओर से विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा.

Executive committee meeting,  Jaipur Greater Corporation
ग्रेटर नगर निगम की एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक

By

Published : Apr 19, 2021, 10:08 PM IST

जयपुर.ग्रेटर नगर निगम के अब सभी वार्ड 100-100 नई रोड लाइट से रोशन होंगे. यही नहीं 55-55 लाख रुपए के विकास कार्य भी होंगे. सोमवार को ग्रेटर नगर निगम की एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में ये फैसले लिए गए. इस बैठक में कोरोना संक्रमण को देखते हुए आधे सदस्य वर्चुअल जुड़े. वहीं, बैठक के 3 प्रस्तावों के साथ कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर कुछ अहम फैसले भी लिए गए.

ग्रेटर नगर निगम की एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक

कोविड-19 महामारी के प्रकोप से आमजन को बचाने के लिए नगर निगम ग्रेटर जयपुर की ओर से विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा. जिस पर कॉल कर आमजन को संक्रमण से बचाव के लिए निगम की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाली सेवाओं का तुरंत लाभ ले सकेंगे. वहीं, एग्जीक्यूटिव कमेटी में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने बताया कि ग्रेटर नगर निगम ने बीवीजी कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है.

पढ़ें-भिवाड़ी की ऑक्सीजन इकाईयों की मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारी, 5 टैंकर राजस्थान को करने होंगे सप्लाई

इस संबंध में पहले बोर्ड मीटिंग और उसके बाद सफाई समितियों की ज्वाइंट मीटिंग में भी बीवीजी पर कार्रवाई का प्रस्ताव लिया गया. ऐसे में अब बीवीजी को फाइनल नोटिस देते हुए जल्द से जल्द जोन वाइज नई टेंडर प्रक्रिया की जाएगी. उसके अलावा चेयरमैनों की शिकायत पर समिति सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि समिति की ओर से लिये गए प्रस्तावों को भी लागू किया जाए.

वहीं, ठेकेदारों की हड़ताल को लेकर मेयर ने बताया कि जिन ठेकेदारों को कार्य आदेश जारी किया गया है, यदि उनके ओर से हड़ताल का बहाना बनाकर कार्य नहीं किया जाता है तो उनको ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई की जाएगी. जिन कार्यों की नवीन निविदाएं की जा रही है, उनका काम जल्द शुरू करना होगा.

एग्जीक्यूटिव कमेटी में लिए गए अहम फैसले...

  • 3 जोन क्षेत्रों में 50-50 लाख के और जिन क्षेत्रों में जेडीए और हाउसिंग बोर्ड का क्षेत्र है. उनमें आवश्यकतानुसार राशि के रिपेयरिंग के टेंडर किए गए.
  • नगर निगम ग्रेटर जयपुर के प्रत्येक वार्ड में 50-50 लाख के विकास का अध्ययन संबंधित पार्षद की अभिशंषा के आधार पर 1 महीने में शुरू किए जाएंगे.
  • प्रत्येक वार्ड में 100-100 नई रोड लाइट 30 दिन में चालू की जाएंगी.
  • जयपुर के जिन संवेदक/ ठेकेदारों को भुगतान करने पर भी हड़ताल पर हैं, उनके विरुद्ध ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई की जाएगी और जिन कार्यों की नवीन निविदा की जा रही है उनके द्वारा शीघ्र काम शुरू किया जाएगा.
  • साधारण सभा की बैठक में लिए गए फैसलों की पालना रिपोर्ट 30 दिन में पेश करने के लिए निर्देशित किया गया.
  • कोविड-19 के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए अविलंब आमजन के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने और इसे आमजन के लिए सार्वजनिक करने का निर्णय लिया गया. इस नंबर पर कोई भी क्षेत्रवासी निगम की ओर से कोविड-19 की रोकथाम के लिए उपलब्ध कराए जाने वाली सेवाओं का अविलंब लाभ प्राप्त कर सकेगा.
  • कोविड-19 के मरीज और उनके परिजन के साथ-साथ कोई भी क्षेत्रवासी भूखा ना रहे, इसके लिए इंदिरा रसोई के माध्यम से भोजन यथा स्थान उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी.
  • 5-5 वालों का क्लस्टर बनाकर प्रभावी अधिकारी स्थानीय पार्षद और समिति अध्यक्ष पर्यवेक्षण कर कोविड-19 से होने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान कार्य करेंगे.
  • बीवीजी कंपनी को फाइनल नोटिस थमाते हुए जोनवार नई निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी.
  • प्रत्येक वार्ड में पार्कों को व्यवस्थित करने पर खर्च किए जाएंगे 5-5 लाख.
  • हिंगोनिया गौशाला में लगाई गई सोलर लाइटों का एमएनआईटी के माध्यम से कराई जाएगी जांच.

वहीं, उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने बताया कि निगम का रेवेन्यू कैसे बढ़े, इस पर भी चर्चा की गई. इसमें सुझाव दिया गया कि निगम क्षेत्र में संचालित सभी डेयरी बूथों से किराया वसूल किया जाए. क्षेत्र में करीब 5500 डेयरी संचालित है जबकि निगम के पास 500 डेयरी बूथ का ही रिकॉर्ड है, जिनसे किराया प्राप्त होता है. ऐसे में जो अवैध रूप से डेयरी संचालित हो रही हैं उन पर या तो कार्रवाई की जाए या फिर उन्हें नियमित कर रेवेन्यू जनरेट करना चाहिए.

इसी तरह निगम क्षेत्र में करीब तीन से चार हजार मीट शॉप चल रही है, जबकि महज 180 दुकानों ने निगम से लाइसेंस ले रखा है. ऐसे में यदि अवैध दुकानों से मांस का विक्रय होगा तो अवैध स्लॉटरिंग होगी, क्वॉलिटी कंट्रोल भी नहीं होगा, जो शहर वासियों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव डालेगा. इन्हें भी लाइसेंस नेट में लाना चाहिए. इनकी जांच कर नियम कायदों के अनुरूप जो दुकानें चल रही हैं, उन्हें लाइसेंस दिए जाने चाहिए बाकी दुकानों को सख्ती से बंद कराना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details