जयपुर.34 साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है. इससे पहले 1986 में शिक्षा नीति लागू की गई थी और 1992 में इसमें कुछ संशोधन किए गए थे. बुधवार को शिक्षा नीति 2020 को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई. नई शिक्षा नीति में राजस्थान सरकार द्वारा दिए गए सुझावों को भी शामिल किया गया है. जिस पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने नई शिक्षा नीति का स्वागत किया है.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षा नीति का स्वागत करते हुए, पीएम से आग्रह किया है कि बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के राजस्थान की भौगोलिक आवश्यकताओं के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान की जाए. उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्य (चुनाव के अलावा) में नहीं लगाना स्वागत योग्य है. जिसका सुझाव राज्य सरकार ने मजबूती से दिया था.
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वहीं प्री प्राइमरी शिक्षा आंगनबाड़ी और विद्यालयों के माध्यम से प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा ही दी जाएगी. इसके अलावा राज्य सरकार ने आरटीई का दायरा 1 से 14 वर्ष से बढ़ाकर 1 से 18 वर्ष तक करने का सुझाव दिया था. जिसे नई शिक्षा नीति में शामिल किया गया है. वहीं टेट परीक्षा प्राथमिक शिक्षकों के साथ सेकंड ग्रेड के शिक्षकों के लिए भी जरूरी होगी. नई शिक्षा नीति में शिक्षक स्थानांतरण नीति बनाने की बात की गई है. जिस पर राजस्थान सरकार द्वारा ओंकार सिंह (सेवानिवृत्त आईएएस) की अध्यक्षता में समिति बनाकर कई राज्यों की स्थानांतरण नीति का अध्ययन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है. शीघ्र ही उस पर निर्णय लिया जाएगा.