जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान को नशा मुक्त बनाने के लिए अहम निर्णय किए (Steps to make Rajasthan drug free) हैं. उन्होंने प्रदेश में नशीली दवाओं के दुरूपयोग रोकने, नशा पीड़ितों के पुनर्वास और जनजागरूकता सहित विभिन्न कार्यों के लिए नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय/आयुक्तालय, एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) और एन्टी नारकोटिक्स यूनिट गठन के लिए प्रस्तावों को मंजूरी दी है.
एनजीओ और मनोचिकित्सक होंगे सदस्यः नशे की बढ़ती समस्या को खत्म करने सहित कई कार्यों के लिए नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय/आयुक्तालय का गठन किया गया है. इसमें आयुक्त पदेन शासन सचिव, गृह को नियुक्त किया गया है. इस क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और मनोचिकित्सक, मनोविज्ञानी आदि को सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा. साथ ही चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, आबकारी, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पुलिस विभाग, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के अधिकारी-कर्मचारी शामिल किए जाएंगे.
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टास्क फोर्स का गठनःएन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन (Anti Narcotics Task force) अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह की अध्यक्षता में किया गया है. इसमें अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एएनयू को सदस्य सचिव बनाया गया है. इस फोर्स में 10 सदस्य होंगे. इनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा, शासन सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, शासन सचिव कृषि विभाग, शासन सचिव आबकारी विभाग, शासन सचिव उच्च शिक्षा, अतिरिक्त महानिदेशक राजस्व आसूचना निदेशालय, राज्य औषधि नियंत्रक राजस्थान, निदेशक राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय है.
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