जयपुर. निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद अब निकायों में बोर्ड और प्रमुख बनाने के लिए जोड़-तोड़ की गणित शुरू हो गई है. कहीं बाडेबंदी हो रही है, तो कहीं राजनीतिक दल एक-दूसरे के विजेता पार्षदों पर डोरे डाल रहे हैं.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी मान लिया है की इस छोटे चुनाव में किसी भी दल में कार्यकर्ताओं से अनुशासन और वफादारी की अपेक्षा नहीं की जा सकती है. वहीं पार्षदों की बाड़ेबंदी के मामले में भी पूनिया ने सवालों के बेबाकी से जवाब दिए.
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पार्षद चुनाव के रिजल्ट आने के बाद अब भाजपा और कांग्रेस निकाय प्रमुख और बोर्ड बनाने में जुटी है, लेकिन इस बीच अनुशासित पार्टी का दम भरने वाली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक कड़वा सच स्वीकार किया है. उन्होंने यह मान लिया कि भाजपा के कुछ पार्षद कांग्रेस में जा सकते हैं क्योंकि इस छोटे चुनाव में अनुशासन की उम्मीद किसी भी राजनीतिक दल में कार्यकर्ताओं से करना बेमानी होगा. पूनिया के अनुसार भाजपा से भी कई कांग्रेसी और निर्दलीय पार्षद संपर्क में मतलब बोर्ड और निकाय प्रमुख बनाने के लिए पार्षदों का दल बदल करना तय है.