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प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा, विधानसभा मंडावा और खींवसर में 21 अक्टूबर को होगा मतदान - Election Commission of India

भारत निर्वाचन आयोग ने राजस्थान की खाली पड़ी 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की तारीखों का ऐलान कर दिया है. निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी कार्यक्रम के अनुसार मंडावा और खींवसर इन 2 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान होंगे.

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Published : Sep 21, 2019, 2:23 PM IST

जयपुर.भारत निर्वाचन आयोग ने राजस्थान की खाली पड़ी 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की तारीखों का ऐलान कर दिया है. निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी कार्यक्रम के अनुसार मंडावा और खींवसर इन 2 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान होंगे. जबकि 24 अक्टूबर को मतगणना होगी. इससे पहले 23 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी होगा, 30 सितंबर को नामांकन भरने की तारीख होगी. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही दोनों विधानसभा क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है.

प्रदेश की खाली पड़ी दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान

दरअसल, राज्य की 2 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने जा रहे हैं. इसका कारण है कि मंडावर से भाजपा विधायक नरेंद्र खीचड़ को झुंझुनू लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया था. जबकी खींवसर विधानसभा से आरएलपी से विधायक हनुमान बेनीवाल नागौर लोकसभा सीट से गठबंधन के प्रत्याशी थे. यह दोनों ही लोकसभा के चुनाव जीत चुके हैं. ऐसे में इन दोनों सीटों पर भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने के आदेश जारी कर दिए हैं.

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खास बात यह है कि विधानसभा में 200 सीटें पूरी ना होने का एक मिथक है जो बरकरार रह गया. विधानसभा चुनाव में खींवसर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस के सवाई सिंह को 16,948 वोटों के अंतर से हराया था, जबकि भाजपा के तारा चंद अत्ता कि यहां जमानत जप्त हो गई थी. आरएलपी का अब भाजपा के साथ गठबंधन हो चुका है, ऐसे में विधानसभा उपचुनाव में यह कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.

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हालांकि अब यह देखना दिलचस्प होगा की आरएलपी के गठबंधन के बाद यहां से भाजपा अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारती है. या फिर हनुमान बेनीवाल अपने भाई को या पत्नी को चुनाव मैदान में उतारेंगे. क्योंकि खींवसर विधानसभा सीट हनुमान बेनीवाल की परंपरागत सीट रही है. हनुमान बेनीवाल यहां से अपनी आरएलपी पार्टी बनाने से पूर्व निर्दलीय भी चुनाव जीते हैं. ऐसे में वह नहीं चाहेंगे कि उनकी इस परंपरागत सीट पर उनके परिवार के अलावा और कोई अपनी राजनीतिक जमीन जमाए. हालांकि अब टिकट की घोषणा होने के बाद ही साफ हो पाएगा कि यहां से कौन चुनाव लड़ता है.

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