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लंपी वायरस से अब तक जितनी गायों की मौत, 10 दिन में इस गौशाला में हो जाता है उससे ज्यादा गौवंश 'काल का शिकार'

लंपी वायरस के कारण (Lumpy Virus in Rajasthan) राजस्थान में गुरुवार तक 5807 गायों की मौत की सरकार ने पुष्टि की है. आपको जानकर हैरानी होगी कि जयपुर जिले की हिंगोनिया गौशाला में 10 दिन में ही इतनी गायों की मौत हो जाती है. देखिए ये रिपोर्ट...

Hingonia Cow Rehabilitation Center
हिंगोनिया गौ पुनर्वास केंद्र...

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Published : Aug 4, 2022, 8:50 PM IST

Updated : Aug 4, 2022, 9:46 PM IST

जयपुर. हिंगोनिया गौशाला में रोजाना 55 के करीब औसतन गायों की मौत हो जा रही है. यह चौंकाने वाला आंकड़ा हाल ही में विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सामने आया है. अब इस मसले पर बीजेपी विधायक के पत्र के बाद सियासत भी तेज होने के आसार हैं. भारतीय जनता पार्टी से विद्याधर नगर के विधायक (MLA Narpat Singh Rajvi on Cows Death) नरपत सिंह राजवी ने राज्यपाल कलराज मिश्र को चिट्ठी लिखकर इस मामले में जांच की मांग की है.

दरअसल, 15वीं विधानसभा के सातवें सत्र के दौरान सवाल नंबर 3348 के मिले जवाब के मुताबिक हिंगोनिया गौशाला में साल 2017 से लेकर अब तक 1 लाख 1 हजार 826 गायों की मौत हो चुकी है. इस मामले में विधायक राजवी के पत्र के बाद एक बार फिर (Death in Jaipur Cow Rehabilitation Center) गायों की मौत का मामला गर्मा सकता है.

गायों की मौत, वजह हैरान करने वाली...

बता दें कि साल 2015 में रखरखाव के अभाव के कारण यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में गायों की मौत की बात सामने आने के बाद, नगर निगम जयपुर की तरफ से संचालित की जाने वाली गौशाला की जिम्मेदारी श्री कृष्ण बलराम गौशाला ट्रस्ट को सौंप दी गई थी. विधायक का आरोप है कि ट्रस्ट एमओयू की शर्तों के मुताबिक कामकाज नहीं कर रहा है. ऐसे में गोवंश को पर्याप्त खाना नहीं मिल रहा है और वह अकाल मौत का शिकार हो रहा है.

यह लिखा है राजवी ने पत्र मेंः जयपुर के विद्याधर नगर से विधायक नरपत सिंह राजवी ने राज्यपाल कलराज मिश्र को लिखे पत्र में कहा कि हिंगोनिया गौशाला का प्रबंधन साल 2017 से श्री कृष्ण बलराम गौसेवा ट्रस्ट, जयपुर को सौंपा गया था, जो अक्षय पात्र मंदिर, जयपुर के ट्रस्टी चलाते हैं. विधायक राजवी के अनुसार 15वीं राजस्थान विधानसभा के सप्तम सत्र के प्रश्न संख्या 3348 में सदन को जो जानकारियां दी गई, वह ना केवल चिंताजनक है, बल्कि गोमाता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किए जा रहे सरकारी प्रयासों पर भी एक प्रश्नचिह्न है.

नरपत सिंह ने राज्यपाल कलराज मिश्र को लिखी चिट्ठी...

इस सवाल के जवाब से पता चलता है कि जब से ट्रस्ट ने गौशाला का प्रबंधन संभाला है, तब से अभी तक करीब 1,01,826 गौवंश की मृत्यु हो चुकी है. इस आंकड़े के अनुसार 5 साल में सालाना 20 हजार मौतों के हिसाब से रोजाना करीब 55 गाय इस गौशाला में दम तोड़ रही हैं. इस ट्रस्ट को हर साल करोड़ों रुपयों का सरकार की तरफ से वित्तीय लाभ मिलता है. इसके बावजूद भी इतने गौवंश की मौत होना चिंताजनक है.

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नरपत सिंह राजवी ने आरोप लगाया कि गायों को उनकी खुराक से कम चारा खिलाया जाता है. निगम उक्त ट्रस्ट को प्रति गाय 57.43 रुपए प्रतिदिन एवं प्रति बछड़ा-बछड़ी के लिए प्रतिदिन 36.88 रुपये देता है. इतना बजट होने के बावजूद भी ट्रस्ट करोड़ों रुपए का चंदा इकट्ठा कर रही है, फिर भी गौवंश की इतनी बड़ी संख्या में मौत हो रही है. करीबन दो वर्ष पूर्व ट्रस्ट की ओर से गौशाला में गायों की वास्तविक संख्या से करीबन 2000 गाय अधिक बताकर फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपए नगर निगम से उठाए हैं.

फर्जी बिल की शिकायत होने पर जिला कलक्टर ने गायों की गणना कराई गई थी, तब ट्रस्ट की धांधली पकड़ी गई थी. उन्होंने आरोप (Cow Death in Hingonia Goshala) लगाया कि ट्रस्ट की ओर से हिंगोनिया गौशाला के कर्मचारियों को भी अवकाश नहीं दिया जाता है. उनसे पूरे सप्ताह काम कराया जाता है, जो श्रमिक कानून का उल्लंघन है. जिससे कर्मचारियों को अपने परिवार की देखभाल करने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक राजवी ने हिंगानियां गौशाला में हो रहे कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच कराने की मांग की है. गौवंश की रक्षा के नाम पर राजवी ने सियासी मसला खड़ा कर दिया है.

हिंगोनिया गौ पुनर्वास केंद्र...

यह है गोशाला प्रबंधन की सफाईः हिंगोनिया गौशाला का प्रबंधन देख रहे व्यवस्थापक प्रेम आनंद ने बताया कि लगातार हो रही गायों की मौत के मामले में वह सरकार को जानकारी दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि गौशाला में आने वाली गाय अक्सर शहर के विभिन्न हिस्सों से लाई जाती हैं, जो उम्र दराज होने के साथ-साथ बीमार भी होती हैं. लिहाजा उनमें मोरटिलिटी रेट काफी कम होता है. प्रेम आनंद ने बताया कि ज्यादातर गायों के पेट से बड़ी मात्रा में पॉलिथीन भी निकाली जाती है. अधिकतर गायों की मौत के पीछे शहर में कचरे के साथ गोवंश को परोसी जा रही पॉलिथीन भी जिम्मेदार है.

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यह कहना है डॉक्टर्स काः लगातार हिंगोनिया गौशाला में हो रही गायों की मौत के मामले में गौशाला में पशुपालन विभाग के उपनिदेशक राधेश्याम मीणा से बातचीत की. इस पर मीणा ने बताया कि रैंडमली अलग-अलग ब्लॉक से गायों को लेकर जब ऑपरेशन करते हैं, तब सर्जरी के दौरान औसतन एक गाय के पेट से 40 किलो तक पॉलीथिन निकाली जाती है. यह पॉलिथिन गायों की मौत का बड़ा कारण भी है. उन्होंने बताया कि गायों के पेट में इस पॉलिथीन के कारण कई अंगों का कामकाज प्रभावित हो जाता है, जिसके कारण यह गोवंश मारा जा रहा है.

Last Updated : Aug 4, 2022, 9:46 PM IST

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