जयपुर. पिछले 10 महीने से चल रहे कोरोना काल में हर कोई प्रभावित नजर आया. यहां तक की धार्मिक यात्राओं पर भी इसका असर देखने को मिला. कोरोना का असर अब हज यात्रा पर जाने वाले मुसाफिरों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है. पिछले 30 सालों की बात की जाए तो हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट हुई है. इस साल 2021 में हज के सफर पर जाने वाले मुसाफिरों के मात्र 1550 ही आवेदन आए हैं.
मुस्लिम समाज में हज यात्रा को एक अहम स्थान दिया जाता है. हर किसी का सपना होता है कि वह अपने जीवन में एक बार हज यात्रा जरूर करें. लेकिन, इस बार कोविड-19 ने उनका सपना भी चकनाचूर कर दिया. हर साल हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के आवेदन हजारों की संख्या में आते हैं. लेकिन, इस बार साल 2021 में हज पर जाने के लिए मात्र 1550 लोगों के ही आवेदन हज कमेटी के पास पहुंचे हैं, जो 30 साल में सबसे कम है.
कोविड-19 इसका सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. कोरोना के चलते सरकार ने कुछ पाबंदियां भी लगाई है, यदि पाबंदी नहीं लगाई जाती तो आवेदनों की संख्या में इजाफा हो सकता था. राजस्थान हज वेलफेयर सोसायटी के महासचिव हाजी निजामुद्दीन ने हज यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस बार आवेदनों की संख्या में जो गिरावट हुई है, वह 30 सालों का एक रिकॉर्ड है. 30 सालों में सबसे कम आवेदन इस बार ही आये है. सबसे अधिक जयपुर से करीब 130 आवेदन प्राप्त हुए हैं. हाजी निजामुद्दीन ने इसका सबसे बड़ा कारण कोरोना को बताया है. साथ ही, हज यात्रा के पैसे बढ़ने और हरम में ठहरने का समय भी कम करने को भी इसका कारण बताया गया.