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हज पर कोरोना की मारः 30 साल में पहली बार सबसे कम संख्या, मात्र 1550 यात्रियों ने किया आवेदन

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Published : Jan 12, 2021, 4:54 PM IST

कोरोना का असर हज यात्रा पर जाने वाले मुसाफिरों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है. पिछले 30 सालों की बात की जाए तो हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट हुई है. इस साल 2021 में हज के सफर पर जाने वाले मुसाफिरों के मात्र 1550 ही आवेदन आए हैं.

1550 passengers applied for haj yatra 2021, जयपुर हज आवेदन
हज पर कोरोना की मार...

जयपुर. पिछले 10 महीने से चल रहे कोरोना काल में हर कोई प्रभावित नजर आया. यहां तक की धार्मिक यात्राओं पर भी इसका असर देखने को मिला. कोरोना का असर अब हज यात्रा पर जाने वाले मुसाफिरों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है. पिछले 30 सालों की बात की जाए तो हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट हुई है. इस साल 2021 में हज के सफर पर जाने वाले मुसाफिरों के मात्र 1550 ही आवेदन आए हैं.

2021 में हज के सफर पर जाने वाले मुसाफिरों के मात्र 1550 ही आवेदन आए हैं...

मुस्लिम समाज में हज यात्रा को एक अहम स्थान दिया जाता है. हर किसी का सपना होता है कि वह अपने जीवन में एक बार हज यात्रा जरूर करें. लेकिन, इस बार कोविड-19 ने उनका सपना भी चकनाचूर कर दिया. हर साल हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के आवेदन हजारों की संख्या में आते हैं. लेकिन, इस बार साल 2021 में हज पर जाने के लिए मात्र 1550 लोगों के ही आवेदन हज कमेटी के पास पहुंचे हैं, जो 30 साल में सबसे कम है.

कोविड-19 इसका सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. कोरोना के चलते सरकार ने कुछ पाबंदियां भी लगाई है, यदि पाबंदी नहीं लगाई जाती तो आवेदनों की संख्या में इजाफा हो सकता था. राजस्थान हज वेलफेयर सोसायटी के महासचिव हाजी निजामुद्दीन ने हज यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस बार आवेदनों की संख्या में जो गिरावट हुई है, वह 30 सालों का एक रिकॉर्ड है. 30 सालों में सबसे कम आवेदन इस बार ही आये है. सबसे अधिक जयपुर से करीब 130 आवेदन प्राप्त हुए हैं. हाजी निजामुद्दीन ने इसका सबसे बड़ा कारण कोरोना को बताया है. साथ ही, हज यात्रा के पैसे बढ़ने और हरम में ठहरने का समय भी कम करने को भी इसका कारण बताया गया.

राजस्थान स्टेट हज कमेटी...

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हाजी निजामुद्दीन बताया कि हर साल प्रदेश के करीब 15 हजार से अधिक आवेदन आते थे. इस बार हज यात्रा के नियमों में भी बदलाव किया गया है. हर यात्री को उड़ान भरने से 72 घंटे पहले आईटीपीसीआर टेस्ट करवाना होगा. इस बार यात्रा की अवधि भी 30 से 35 दिन होगी. पहले यात्रा की अवधि 35 से 45 दिन तक होती थी. ग्रीन एवं अजीजिया श्रेणी को भी खत्म कर दिया गया है. सभी यात्रियों को एक ही श्रेणी में ठहराया जाएगा.

बता दें कि कोरोना के कारण पिछले साल भी हज का सफर निरस्त कर दिया गया था. नए नियमों को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. नए नियमों के तहत बुजुर्गों और बच्चों को हज पर जाने की अनुमति नहीं है. हज यात्रा का खर्च भी 70 से 80 हजार हो गया है. जिसके कारण भी लोगों ने आवेदन कम किये. इस बार हज यात्रियों को कुछ समय के लिए क्वारंटीन रखा जाएगा. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के बयान के अनुसार हज पर जाने से पहले यात्रियों को कोविड-19 वैक्सीन भी लगाई जाएगी.

पिछले 5 सालों में आये आवेदनों की संख्या

  • 2019 में 10812
  • 2018 में 14420
  • 2017 में 17796
  • 2016 में 16893
  • 2015 में 16519

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