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स्पेशल: राजस्थान में बढ़ी टेस्टिंग तो कोरोना मरीजों के ग्राफ में भी हुई बढ़ोतरी - Corona cases increased in rajasthan

राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार वैक्सीन निर्माण के साथ टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने पर भी ध्यान दे रही हैं. हर दिन बढ़ती टेस्टिंग की संख्या से नए मामलों की संख्या भी बढ़ रही है. प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग की क्षमता 42 हजार के पार पहुंच चुकी है. जहां पिछले कुछ सप्ताह में हर दिन करीब 15 से 16 हजार लोगों की टेस्टिंग की जा रही थी, तो वहीं अब 30 हजार लोगों की टेस्टिंग हो रही है. देखें यह रिपोर्ट...

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जांच का दायरा बढ़ने के साथ ही प्रदेश में बढ़ने लगे कोरोना के मामले

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Published : Aug 29, 2020, 12:07 PM IST

जयपुर.सरकार ने दावा किया है कि बीते कुछ समय से प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग का दायरा बढ़ाया गया है और इसके बाद प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा भी देखने को मिला है. जहां 31 जुलाई को प्रदेश में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या का आंकड़ा 42,000 के करीब था. वहीं 27 अगस्त को प्रदेश में यह आंकड़ा बढ़कर 76 हजार के करीब पहुंच गया है. यानी बीते 4 सप्ताह में प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा दोगुना हो गया है.

जांच का दायरा बढ़ने के साथ ही प्रदेश में बढ़ने लगे कोरोना के मामले

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि सैंपल जांच की संख्या को बढ़ाकर औसतन प्रतिदिन 25 हजार करने से पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तो वृद्धि हो रही है, लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है. पॉजिटिव लोगों का जल्दी पता लगने से उनका समय पर उपचार हो रहा है और इससे रिकवरी रेट में सुधार और कोरोना से होने वाले मृत्यु दर में लगातार कमी आ रही है.

30 हजार टेस्टिंग प्रतिदिन

रघु शर्मा ने भी दावा किया है कि प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग की क्षमता 42 हजार के पार पहुंच चुकी है. जहां पिछले कुछ सप्ताह में हर दिन करीब 15 से 16 हजार लोगों की टेस्टिंग की जा रही थी, तो वहीं अब 30 हजार लोगों की टेस्टिंग हो रही है.

क्या कहते हैं आंकड़े

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रघु शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक में पहले ही कहा है कि जितने अधिक टेस्ट किए जाएंगे, पॉजिटिव मामलों में उतनी ही बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा समय में 90% मरीज ऐसे मिल रहे हैं जो एसिंप्टोमेटिक है, यानी उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे. लेकिन वे पॉजिटिव हैं.

क्या कहते हैं आंकड़े

बीते कुछ महीने में बढ़े हैं आंकड़े

प्रदेश में बीते कुछ महीने के आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. मई महीने में कुल पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 8831 था.जून महीने में यह आंकड़ा बढ़कर 18014 पहुंचा. जुलाई महीने में कुल पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 42083 था. 27 अगस्त तक यह आंकड़ा बढ़कर 76015 हो गया.

ऐसे में आंकड़ों से साफ पता चलता है कि जहां मई महीने में महज 8 हजार के लगभग प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीज थे. वहीं अगस्त में यह आंकड़ा 76 हजार पार कर गया है. सरकार ने दावा किया है कि जब प्रदेश में पहला पॉजिटिव मरीज सामने आया, तब कोरोना जांच की व्यवस्था प्रदेश में नहीं थी, लेकिन बीते 3 से 4 माह में चिकित्सा विभाग ने करीब 45,250 जांच की क्षमता विकसित कर ली है और हर प्रदेश में 30,000 लोगों की जांच की जा रही है और इसी के कारण बीते कुछ समय से प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.

क्या कहते हैं आंकड़े

ऐसे में कहा जा सकता है कि प्रदेश में जितनी ज्यादा टेस्टिंग क्षमता विकसित की गई, उसके बाद इतने अधिक पॉजिटिव मरीज भी लगातार सामने आ रहे हैं.

अब हर दिन 1 हजार पार

प्रदेश में पहले जहां औसतन 300 से 400 हर दिन औसत पॉजिटिव मरीज कोरोना के सामने आ रहे थे, तो वहीं बीते कुछ समय से यह आंकड़ा 1,000 के पार पहुंच चुका है. अब प्रदेश में करीब 13 सौ मरीज औसतन हर दिन सामने आ रहे हैं.

आरटी-पीसीआर से कर रहे जांच

मंत्री डॉ रघु शर्मा ने यह भी बताया कि प्रदेश में फिलहाल आरटी-पीसीआर से कोरोना टेस्टिंग की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस टेस्ट से कोरोना की फाइनल रिपोर्ट तैयार होती है. इसके अलावा प्रदेश में देश के मुकाबले डेथ रेट भी काफी कम है और हमारी कोशिश है कि इसे और भी कम किया जाए.

क्या कहते हैं आंकड़े

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क्या है आरटी-पीसीआर टेस्ट

कोरोना वायरस की जांच का तरीका है. इसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है. आरएनए वायरस का जेनेटिक मटेरियल है.

तरीका क्या है

नाक एवं गले के तालू से स्वैब लिया जाता है. ये टेस्ट लैब में ही किए जाते हैं.

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण किसी भी मरीज की जान नहीं जाए, यही हमारा पहला लक्ष्य है और इसी के तहत 40,000 कीमत वाले इंजेक्शन भी मरीजों को लगाए जा रहे हैं और प्लाज्मा थैरेपी पर जोर दिया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके.

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