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पंचायत में 'पंजा' भारी : अलवर-धौलपुर में जिला प्रमुख तो 22 में से 15 प्रधान बनाने का डोटासरा ने किया दावा - प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान कांग्रेस

जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में मिली सफलता पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा (Govind Singh Dotasra) काफी गदगद नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अलवर और धौलपुर में जिला प्रमुख कांग्रेस बनाएगी. इतना ही नहीं, डोटासरा ने 22 में से 15 प्रधान बनाने का दावा किया है.

Congress will make district head
पंचायत में 'पंजा' भारी

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Published : Oct 29, 2021, 8:22 PM IST

Updated : Oct 29, 2021, 9:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान के अलवर और धौलपुर में कांग्रेस को उपचुनाव से पहले बड़ी सफलता मिली है. जीत से उत्साहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटास ने कहा कि दोनों जिलों की जनता ने कांग्रेस पार्टी को दोनों जगहों पर विजयी बनाया है. जबकि भाजपा को आइना दिखाया है कि भाजपा ने राजस्थान में 3 साल में न तो विपक्ष के तौर पर कुछ किया न ही केंद्र की मोदी सरकार ने अपने वादे पूरे किए.

डोटासरा ने कहा कि दोनों जिला परिषदों में कांग्रेस पार्टी स्पष्ट बहुमत के साथ जिला प्रमुख बनाएगी तो वहीं 22 में से 15 जगह कांग्रेस प्रधान बनाएगी. डोटासरा ने कहा कि मुझे भाजपा से सहानुभूति है कि 22 में से केवल दो जगह बहुमत के साथ भाजपा के प्रधान बनेंगे.

पीसीसी चीफ डोटासरा ने क्या कहा....

492 पंचायत समिति मेंबर में से कांग्रेस को 208 पंचायत समिति सदस्य मिले, जबकि भाजपा को 158 पर संतोष करना पड़ा. 72 जिला परिषद में से कांग्रेस को 42 तो भारतीय जनता पार्टी के केवल 26 जिला परिषद सदस्य जीते हैं.

बसपा से कांग्रेस में आए और निर्दलीय विधायकों की जगह सामंजस्य में कमी, लेकिन दूर करेंगे मनमुटाव...

अलवर में तिजारा, किशनगढ़बास, थानागाजी और बहरोड़ विधानसभा में कई जगह कांग्रेस को शिकायत मिली है कि इन सीटों पर क्योंकि कांग्रेस के सामने चुनाव लड़े बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक और निर्दलीय विधायक थे. ऐसे में यहां पर कांग्रेस और इन विधायकों के बीच कुछ विवाद की स्थिति रही.

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इन सीटों पर विवाद को स्वीकार करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा कि जहां पर इंडिपेंडेंट विधायक थे, जो कांग्रेस के सामने चुनाव लड़ चुके हैं, वहां पर थोड़ी बहुत दिक्कत आती है. लेकिन सरकार भी चलाना जरूरी है.

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जिन्होंने बिना लोभ-प्रलोभन के सरकार को समर्थन दिया है और बीएसपी (BSP) वाले विधायकों ने तो अब कांग्रेस पार्टी उन्होंने जॉइन कर ली है तो वह भी कांग्रेस के प्रभावी नेता हैं. छोटे-मोटे कार्यकर्ताओं में आमने-सामने चुनाव लड़ते हैं तो थोड़ा बहुत मनमुटाव होता है, लेकिन हम मिल बैठकर इस मनमुटाव को दूर करेंगे और समन्वय स्थापित करेंगे.

Last Updated : Oct 29, 2021, 9:41 PM IST

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