जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. कांग्रेस के दोनों नेता केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी राज्यसभा के सदस्य बन चुके हैं. अब राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं. वहीं राजनीतिक नियुक्तियां पाने के लिए नेता और विधायक लॉबिंग कर रहे हैं. जिससे संगठन से जुड़े नेता नाराज हैं.
बता दें कि राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर लंबे समय से नेता और कार्यकर्ता इंतजार कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि 10 दिनों तक चली बाड़ेबंदी में विधायकों के साथ ही राजस्थान से संगठन का भी एक आलाकमान भी मौजूद रहा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, रणदीप सुरजेवाला और दीपेंद्र हुड्डा के सामने भी विधायकों की बाड़ेबंदी के दौरान राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चर्चा हुई. खुद संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल राजस्थान से राज्यसभा के प्रत्याशी थे. ऐसे में बाड़ेबंदी के दौरान ही उनसे भी राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चर्चा हुई.
पार्टी के लिए काम करने वालों को मिले प्राथमिकता
बताया जा रहा है कि इस दौरान तमाम मंत्रियों, विधायकों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम ले लिए गए हैं. जिन्हें राजनीतिक नियुक्तियां देनी है लेकिन इसी बीच एक खबर यह भी निकल कर आ रही है कि कुछ विधायकों को भी राजनीतिक नियुक्तियां देने की कवायद हो रही है. जिसका विरोध भी कांग्रेस संगठन की ओर से शुरू हो गया है. कांग्रेस हलकों में चर्चा शुरू हो गई है कि जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विपक्ष में रहते हुए पूरे 5 साल जमीन पर रहकर पार्टी के लिए काम किया है, उन्हीं को राजनीतिक नियुक्तियों में प्राथमिकता मिलनी चाहिए.