जयपुर. राजस्थान में 1 महीने से ज्यादा चले सियासी महासंग्राम और उसके बाद राहुल-प्रियंका के पायलट और गहलोत कैंप में समझौता करवाने के बाद अब राजस्थान में राजनीतिक स्थितियां स्थिर होती जा रही हैं. हालांकि, गुरुवार को भी राजस्थान में पायलट कैंप के विधायक अपने निवास पर रहे, तो वहीं गहलोत कैंप के विधायक होटल फेयर माउंट में चल रही बाड़ेबंदी में रहे.
एक महीने से ज्यादा बागी विधायक के तौर पर अपनी पहचान बना चुके पायलट कैंप की विधायकों में से एक सेवा दल के पूर्व अध्यक्ष और विधायक राकेश पारीक ने कहा कि कोई भी आदमी अगर अपने आलाकमान से मिलने जाए तो यह नाराजगी नहीं होती है. नाराजगी तो तब होती है जब कोई गलत कदम हम उठा लेते.
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पारीक ने कहा कि तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में हम आलाकमान से मिलने गए थे. पीछे से कुछ परिस्थितियां ऐसी बनीं जिसमें कोर्ट कानून कायदे की स्थिति बनी, लेकिन हमारा मन साफ था. हमारे मन में कांग्रेस पार्टी थी. जिन्होंने भी हमें अच्छा कहा या बुरा कहा वह भी हमारे सम्मानित सदस्य थे.
'सेवा दल के अध्यक्ष होने के बावजून मेरी नहीं चल रही थी'
विकास के कामों को लेकर विधायक पारीक ने कहा कि वह लंबे समय से जनप्रतिनिधि रहे हैं और अपना काम करवाना जानते हैं. इस बात का दुख उन्होंने जरूर जताया कि दिक्कत इस बात की थी कि मैं विधायक था, सामने मंत्री थे, मंत्री के बच्चे की जितनी चल रही थी उतनी भी सेवा दल के अध्यक्ष होने के बावजूद मेरी नहीं चल रही थी.