जयपुर. प्रदेश की राजनीति में कुछ दिनों से उठापटक का दौर चल रहा है. इस सियासी संग्राम के बीच सीएम अशोक गहलोत अपने मंत्रियों और विधायकों की पसंद का खास ख्याल रख रहे हैं. यही वजह है कि गुरुवार देर रात आरएएस तबादला की जारी सूची में मंत्री-विधायकों के चहेतों को तरजीह (CM Gehlot took care of mlas choice in transfers) दी गई है. आलम ये है कि (disputed officers also get prime posting) पिछले दिनों में जिन अफसरों को धार्मिक और जातिगत भावना आहत करने का चार्ज लगने के कारण चलते हटा दिया गया था, उन्हें भी सियासी दबाव के बीच प्राइम पोस्टिंग दी गई है. RAS ट्रांसफर के पीछे सियासी गणित पर देखिये ये ख़ास रिपोर्ट...
विवादित अफसरों को भी प्राइम पोस्टिंग
गहलोत सरकार ने प्रदेश में सियासी संकट के बीच हुए बड़े प्रशासनिक फेरबदल में मंत्रियों और विधायकों की पसंद (ministers mlas choice in RAS transfer) का पूरा ख्याल रखा गया है. आलम ये है कि जिन अफसरों को धार्मिक और जातिगत विवाद के चलते हटाया गया था उन्हें विधायकों की पसन्द पर प्राइम पोस्टिंग दी गई है.
पढ़ें.सियासी संग्राम के बीच प्रशासनिक सेवा में बड़ा बदलाव, 201 आरएएस के तबादले
केस एक:
केसर लाल मीणा - पिछले दिनों धार्मिक और जातिगत वाट्सएप पोस्ट से विवादों में आये थे. इस तबादला सूची में उन्हें अतिरिक्त कॉलेज आयुक्त राजस्थान जयपुर लगाया गया है.
केस दो:
केशव कुमार मीणा- अलवर राजगढ़ में 300 साल पुराना शिव मंदिर तोड़ने के मामले में करीब 6 महीने से एपीओ चल रहे RAS केशव कुमार मीणा को फिर से अलवर जिले के थानागाजी में उपखण्ड अधिकारी लगया है. चर्चा है कि थानागाजी विधायक कांतिलाल मीणा की पसंद पर केशव मीणा को यह पोस्टिंग मिली है.
केस तीन:
नरेंद्र कुमार मीणा - रीट पेपर लीक मामले में एक साल साल से निलंबित चल रहे RAS नरेंद्र कुमार मीणा को फिर से सवाई माधोपुर जिले में गंगापुर सिटी में एसडीएम लगाया गया है. नरेंद्र मीणा को सवाईमाधपुर वजीरपुर के SDM रहते हुए एपीओ किया गया था
केस चार:
विजय सिंह नाहटा, लम्बे समय से एपीओ चल रहे थे. नाहटा को भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित किया गया था.
पढ़ें.सियासी उठापटक के बीच राजनीतिक नियुक्तियां, किशनलाल जैदिया सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष