जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहर के रामगंज इलाके में कोरोना वायरस के संक्रमण के कम्युनिटी स्प्रेडिंग को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के अधिकारियों को युद्ध स्तर पर काम करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निर्देश दिए हैं कि इस वायरस के सामुदायिक प्रसार (कम्युनिटी स्प्रेडिंग) को रोकने के लिए आपात योजना (मास्टर प्लानिंग) लागू करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जयपुर, जोधपुर, चुरू, टोंक, झुन्झुनूं इत्यादि जिलों में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके लिए तत्काल सैंपल कलेक्शन और टेस्टिंग की गति बढ़ाई जाए.
मुख्यमंत्री गहलोत ने वीसी में निर्देश दिए कि जयपुर में भीलवाड़ा की तर्ज पर बड़ी संख्या में संदिग्ध लोगों को आइसोलेट करना होगा. इसके लिए तयशुदा प्राटोकोल के अनुसार शहर में स्थित विभिन्न शिक्षा संस्थानों इत्यादि चिन्हित कर हॉस्टल सुविधाओं का उपयोग किया जाए. रामगंज में घर-घर सर्वे और पीसीआर टेस्टिंग सहित जांच की सुविधाएं बढ़ाई जाएं, ताकि मौके पर ही रेन्डम टेस्ट के लिए सैंपल लिए जा सकें.
स्वास्थ्य कर्मियों की आवाजाही होगी कम...
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के जिन क्षेत्रों में कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, वहां लोगों की आवाजाही को तुरन्त और अधिक सख्ती से रोका जाए. शहर के दूसरे हिस्सों में भी केवल अतिआवश्यक सेवाओं से जुड़े व्यक्ति ही अपने घरों से बाहर निकलें. इस दौरान शहर में स्वास्थ्य कर्मियों की अपने घर से कार्यस्थल तक आवाजाही को भी नियंत्रित कर न्यूनतम करने का सुझाव दिया गया.
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धर्मगुरुओं से अपील, लोगों को करें जागरूक...
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि मानवता की रक्षा के लिए धर्मगुरुओं, मौलवियों, जनप्रतिनिधियों और समुदाय के वरिष्ठ लोगों का कर्तव्य है कि वे लाउडस्पीकर, पर्चे, वीडियो संदेश इत्यादि के माध्यम से आम लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करने और उन्हें स्वास्थ्य और यात्रा संबंधी सही जानकारी देने के लिए प्रेरित करें.