जयपुर. बजट अभिभाषण पर मुख्यमंत्री ने मंगलवार को बिना विपक्ष की मौजूदगी में ही अपना जवाब दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि (Politics on REET Controversy) राज्यपाल के अभिभाषण पर जब बहस नहीं हुई तो मैं जवाब किसका दूं. लेकिन जो लोग बाहर हैं, उनकी दुर्गति हो रही है. क्योंकि उनके धरने-प्रदर्शन में लोग नहीं आ रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां दावा 50 हजार का किया जा रहा था. वहां 1000-1500 लोग ही पहुंचे हैं. शाम को पोल खुल जाएगी कि कितने लोग उनके प्रदर्शन में शामिल हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभिभाषण का जवाब पेश करते हुए कहा कि देश में अविश्वास, अशांति, तनाव और हिंसा का माहौल है. इन सबसे बचने के लिए भाजपा के हाईकमान के इशारे पर यह सबकुछ हो रहा है. क्योंकि 3 साल में ये सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी पैदा नहीं कर पाए. इस बात की उनको तकलीफ है कि दो-ढाई साल बाद आम जनता में सरकार विरोधी लहर या लोगों की भावना जो पैदा हो जाती है, इस बार नहीं है.
राज्यपाल के अभिभाषण पर सीएम गहलोत का जवाब... जब सरकार विरोधी लहर नहीं है तो अब दिल्ली से इन्हें हुक्म है कि नॉन इश्यू को इशू बनाओ. किसी भी ढंग से जनता की निगाह में सरकार को बदनाम करो और ये बदनाम करने में माहिर हैं. इनका काम है मार्केटिंग करना, काम कुछ करो या न करो. मार्केटिंग ऐसी करेंगे कि गुजरात मॉडल दिखने लग जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि रीट की परीक्षा को लेकर (REET Paper Leak Case) इनकी मंशा है कि रीट की जांच सीबीआई को दिलवाकर भर्तियां रुकवा दी जाएं. यह केवल भर्तियां रोकना चाहते हैं और सरकार को बदनाम करने का इनका षड्यंत्र है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल का जिक्र करते हुए कहा कि आज तक पिछले 10 सालों में जो केस सीबीआई को सुपुर्द किए गए हैं, उनमें से ज्यादातर अटक गए हैं. मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से आह्वान किया कि वो इनकी चाल को समझ जाएं, उसका पर्दाफाश करें. इस मामले में सीबीआई को ट्रायल दिलाकर भाजपा इस मामले को 1 साल तक लटकाना चाहती है. जबकि एसओजी को धन्यवाद देना चाहिए, जिसने बेहतरीन काम किया है. अपने जवाब में मुख्यमंत्री ने पूरे देश में हुए पेपर लीक प्रकरणों को गिनाते हुए कहा कि बाकी किसी जगह सीबीआई जांच की मांग नहीं की जा रही है. जबकि यहां भाजपा इस मामले को बेवजह तूल दे रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जितनी बड़ी समस्या होती है, लोग इंतजार करते हैं कि असेंबली में हमारे मुद्दे (CM Gehlot Counterattack) उठाए जाएंगे. महंगाई का मुद्दा बड़ा मुद्दा है, बेरोजगारी तो विस्फोटक स्थिति में है. अगर समय पर इसे काबू नहीं किया तो पता नहीं युवा किस दिशा में जाएगा. जब देश में हालात ऐसे हों तो सरकार किसी भी पार्टी की हो, पक्ष और विपक्ष की ड्यूटी होती है कि वह सरकार की कमियां बताए. विपक्ष को चाहिए था कि हमारे पिछले बजट में क्या कुछ कमियां रहीं, उसे सामने रखते.
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