जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बिजलीघरों को मांग के अनुरूप कोयले की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. जिससे प्रदेश में कहीं भी विद्युत उत्पादन में बाधा नहीं आए. इसके लिए तमाम वैकल्पिक उपायों (Alternative Measures for Coal Supply) पर विचार किए जाएं.
सीएम गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोयला आपूर्ति की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने निर्देश दिए कि ऊर्जा राज्यमंत्री एवं ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दिल्ली जाकर संबंधित मंत्रालयों के स्तर पर उचित समन्वय करें. उन्होंने कहा कि कोयले की आपूर्ति (Gehlot review meeting on Coal Supply) बढ़ाने के लिए केन्द्रीय कोयला मंत्रालय तथा कोल इंडिया लिमिटेड से लगातार सम्पर्क रखा जाए. कोयला खदानों से कोयले के शीघ्र उठाव के लिए रेलवे से प्रदेश को और अधिक संख्या में रैक उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएं.
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साथ ही आयातित कोयले अथवा शॉर्ट टर्म टेंडर के जरिए बिजली खरीद सहित प्रदेश के निजी थर्मल प्लांटों से उत्पादन बढ़ाने की संभावनाओं पर भी काम किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग के अधिकारी प्रदेश में विद्युत की सुचारू आपूर्ति के लिए नए कोल ब्लॉक्स आवंटन, कोयले के सुचारू परिवहन एवं भण्डारण की व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि अधिकारी सुनिश्चित करें कि विद्युत इकाइयों के संचालन के लिए पर्याप्त मात्रा में कोयले का भण्डारण उपलब्ध हो. जिससे कोयले की किल्लत का सामना नहीं करना पड़े. उन्होंने कोल इंडिया सहित अन्य कंपनियों को भुगतान संबंधी प्रक्रियाओं को भी समय पर निस्तारित करने के निर्देश दिए.
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तापीय विद्युत गृहों को 9 रैक प्रतिदिन हो रही आपूर्ति : कोल इंडिया की सहायक एनसीएल एवं एसईसीएल की ओर से तापीय विद्युत गृहों को 9 रैक प्रतिदिन आपूर्ति की जा रही है. पारसा ईस्ट और कांटा बेसिन कोल ब्लॉक (Parsa East and Kanta Basin Coal Block) से 8 से 9 रैक प्रतिदिन आपूर्ति हो रही है. फरवरी 2022 के बाद पारसा ईस्ट कांटा बेसिन ब्लॉक से कोयले की आपूर्ति बंद होने की संभावना है. ऐसे में कोल इंडिया लिमिटेड से अतिरिक्त कोयला आवंटन के लिए संपर्क किया जा रहा है.