जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के विभिन्न राज्यों तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों में एवियन इन्फ्लूएंजा से कौओं और पक्षियों के मरने की अन्य घटनाओं के मददेनजर विषेश सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि घना बर्ड सेंचुरी, विभिन्न अभयारण्य, सांभर झील सहित अन्य वेटलैंड्स और तमाम ऐसे स्थान, जहां पक्षी अधिक पाए जाते हैं, वहां ऐसी घटनाओं पर विशेष निगरानी रखी जाए. किसी भी पक्षी की मौत होने पर उसका सैम्पल जांच के लिए लैब में भेजा जाए और वैज्ञानिक विधि से मृत पक्षियों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए.
सीएम अशोक गहलोत मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर इस संबंध में पशुपालन, चिकित्सा, वन तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 16 जिलों में कौओं सहित अन्य पक्षियों के मरने की घटनाएं चिंता का विषय है. इनमें से चार जिलों झालावाड़, कोटा, बारां तथा जयपुर में मृत कौओं में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई है. इस वायरस की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित किए जाएं. पशु चिकित्सक एवं पक्षी विषेषज्ञ इन घटनाओं का बारीकी से विश्लेषण करने के साथ ही इन्हें रोकने के पर्याप्त इंतजाम रखें.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां पक्षियों से लोगों का विशेष जुड़़ाव रहता है. लापरवाही बरतने तथा प्रोटोकाॅल का पालन नहीं करने पर ये वायरस इंसान को भी प्रभावित कर सकता है. इसे देखते हुए खास सावधानी बरते जाने की आवश्कता है. उन्होंने आमजन से अपील की है कि अगर वो अपने घर की छतों या आस-पास मृत पक्षी को देखें तो उसे हाथ लगाने के स्थान पर सुरक्षित निस्तारण के लिए सूचना पशुपालन विभाग के द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 0141-2374617 और जिलों में स्थापित नियंत्रण कक्षों पर दें. सीएम गहलोत ने कहा कि फिलहाल राजस्थान में मुर्गियों में इस रोग के फैलने की कोई सूचना नहीं है. फिर भी पशुपालन विभाग के अधिकारी पोल्ट्री संचालकों को जागरूक करें और विषेष सतर्कता बरतने के लिए प्रेरित करें.
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शासन सचिव पशुपालन डाॅ.आरूषी मलिक ने बताया कि राजस्थान के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और मध्यप्रदेश में कौओं के साथ ही केरल में मुर्गियों में एवियन इन्फ्लूएंजा के मामले सामने आए हैं. केवलादेव अभयारण्य, सांभर झील, खींचन सहित तमाम ऐसे स्थान जहां प्रवासी पक्षी अधिक आते हैं, वहां विषेष सावधानी बरती जा रही है. प्रदेश में अभी तक 625 पक्षियों के मरने की सूचना प्राप्त हुई है, जिनमें 122 के सैम्पल भोपाल स्थित प्रयोगशाला में भेजे गए हैं. इनमें से 29 कौओं में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई है. उन्होंने बताया कि पोल्ट्री संचालकों के साथ बुधवार को वीसी रखी गई है. जयपुर में टेस्टिंग सुविधा विकसित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सभी जिला कलेक्टरों को भारत सरकार की गाइडलाइन भेजी जा चुकी है.
एवियन इन्फ्लूएंजा के मद्देनजर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की समीक्षा बैठक वहीं, प्रमुख शासन सचिव वन एवं पर्यावरण श्रेया गुहा ने बताया कि वन विभाग ऐसी घटनाओं को लेकर वन क्षेत्रों में पूरी सतर्कता एवं चौकसी बरत रहा है. विभाग के कर्मचारी भी पशुपालन विभाग को पूरा सहयोग कर रहे हैं. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हाॅफ) श्रुति शर्मा, प्रधान मुख्य वन एवं वन्य जीव संरक्षक मोहन लाल मीणा सहित अन्य अधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा, पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया, प्रमुख शासन सचिव पशुपालन कुंजीलाल मीणा, शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन और जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.