जयपुर. राजधानी में 4 महीने तक बंद रही सिटी ट्रांसपोर्ट बस सेवा को कोरोना गाइडलाइन के साथ दोबारा शुरू किया गया. शहर वासियों को आने-जाने में राहत मिले, इसके लिए शहर के सभी रूट पर करीब 200 बसों का संचालन शुरू किया गया. लेकिन फिलहाल लो फ्लोर बसों का संचालन जेसीटीएसएल के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है. कोरोना की वजह से लोगों ने बसों से दूरी बना रखी है.
आलम ये है कि प्रति किलोमीटर लो फ्लोर बस को महज 5 की इनकम हो रही है. जबकि खर्चा 60 का हो रहा है. यही नहीं बीते दिनों घाट की गुनी टनल के पास दो बसों की तो ये स्थिति रही कि उनके पास टोल टैक्स देने तक के पैसे नहीं थे. लो फ्लोर बस के कंडक्टर और ड्राइवर की माने तो कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए यात्रियों में सोशल डिस्टेंस बनाया जा रहा है. उनकी थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही है.
लेकिन लोगों में अभी कोरोना संक्रमण का डर है, यही वजह है कि 25 से 30 किलोमीटर के रूट पर एक चक्कर में महज 10 से 15 यात्री ही सफर कर रहे हैं. जबकि एसी बस में तो इतनी सवारी भी नहीं आती. जिसका एक कारण बसों का बढ़ा हुआ किराया भी बताया जा रहा है.
पढ़ेंःराजधानी में नहीं चलेंगी 15 साल पुरानी मिनी बसें, RTO ने 260 बस मालिकों को भेजा नोटिस