जयपुर. पिछली दफा जब केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग जारी की थी, तो जयपुर को मायूसी हाथ लगी थी. जयपुर के दोनों ही निगम टॉप 30 में भी अपनी जगह नहीं बना पाए थे. जिसका एक बड़ा कारण सिटीजन फीडबैक में पिछड़ना था. जयपुर के लोगों ने अपने शहर के लिए ही फीडबैक नहीं दिया. जिसकी वजह से हेरिटेज निगम 3482 अंक के साथ 32वें और ग्रेटर निगम 3327.86 अंक के साथ 36वें स्थान पर रहा था. हालांकि इस बार सिटीजन फीडबैक को लेकर हर अधिकारी-कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की गई (Citizen Feedback for Swachh Survekshan 2022) है. जो सब्जी मंडी से लेकर कोचिंग सेंटर तक से फीडबैक दिलवाएंगे. यही नहीं विजिलेंस टीम को तो निगम मुख्यालय में आगंतुकों से एंट्री से पहले फीडबैक दिलवाने के निर्देश दिए गए हैं.
स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में 7 हजार 500 नम्बर का सर्वेक्षण है. जिसमें 3 हजार अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस के, 2250 अंक सर्टिफिकेशन के और 2250 अंक सिटीजन वॉइस के तय किये गये हैं. यानी की 30 प्रतिशत अंक शहरवासियों से मिलने वाले फीडबैक से मिलेंगे. आमजन से ज्यादा से ज्यादा संख्या में फीडबैक दिलवाए जाने के लिए ग्रेटर नगर निगम ने टीम का भी गठन किया है. जो विभिन्न स्थानों पर जयपुर के लिए फीडबैक दिलवाएंगे.
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- सभी जोन वार्ड क्षेत्र में स्थित सब्जी मंडी व्यवसायिक मार्केट और सभी सफाई कर्मचारियों के फीडबैक की जिम्मेदारी जोन उपायुक्त के निर्देशन में मुख्य सफाई निरीक्षक और वार्ड सफाई निरीक्षक को सौंपी गई है.
- कोचिंग सेंटर स्कूल और व्यवसायिक मॉल में राजस्व उपायुक्त की निगरानी में जोन और मुख्यालय के राजस्व अधिकारी राजस्व निरीक्षक और सहायक राजस्व निरीक्षक फीडबैक दिलाएंगे.
- होमगार्ड/सुरक्षाकर्मी सतर्कता उपायुक्त के निर्देशन में निगम मुख्यालय और सभी जोन कार्यालय में आने वाले आगंतुकों से प्रवेश से पहले फीडबैक दिलाएंगे.
- गैराज उपायुक्त, लाइट उपायुक्त और मुख्य अग्निशमन अधिकारी को उनके अधीनस्थ कार्यरत कर्मचारियों से फीडबैक दिलवाने के निर्देश दिए गए हैं.
- मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को स्वास्थ्य शाखा के कर्मचारियों के साथ होटल, रेस्टोरेंट और सिनेमा हॉल से फीडबैक दिलवाने की जिम्मेदारी दी गई है.
- कार्यालय अधीक्षक को निगम मुख्यालय के सभी कर्मचारियों का फीडबैक और प्रोग्रामर को मुख्यालय/जोन कार्यालय में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर्स से फीडबैक दिलवाने को कहा गया है.
- रजिस्ट्रार जन्म और मृत्यु को मुख्यालय के अधिशासी और सहायक अभियंताओं को साथ लेकर कोचिंग सेंटर की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि ओसवाल डाटा कॉल सेंटर के माध्यम से फीडबैक दिलाने का काम करेगा.
- इसके साथ ही निगम मुख्यालय और जोन कार्यालयों के सभी अधिकारी कर्मचारियों को अपने परिचित 25 लोगों से फीडबैक दिलवाने के भी निर्देश दिए गए हैं.
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हालांकि आमजन से पॉजिटिव फीडबैक मिले, इसे लेकर शहर की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने की भी जद्दोजहद की जा रही है. आपको बता दें कि जयपुर 2017 में 215 वें पायदान पर था. जिसके बाद 2018 में एक अलख जगी और जयपुर सीधे 39 वें पायदान पर पहुंचा. इसके बाद 2019 में 44वें और 2020 में 28वें स्थान पर रहा. लेकिन जब जयपुर दो निगमों में बंटा तो इसका भी कोई खास फायदा नहीं मिल पाया और टॉप 30 की सूची से जयपुर को बाहर होना पड़ा. लेकिन इस बार आम जनता का सहयोग लेकर वर्तमान में चल रहे सर्वेक्षण के दौर में जयपुर के निगम अपनी साख को बचाने में जुटे हुए हैं.