जयपुर. आगरा में चोरी के आरोप में सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की हिरासत में हुई मौत के मामले में यूपी पुलिस का राजस्थान आना और अरुण के ससुराल के 5 लोगों को हिरासत में लेना सवालों के घेरे में आ गया है. शुक्रवार को भरतपुर में रह रहे परिवार से जुड़े लोगों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की. जल्द ही इस परिवार को राजस्थान सरकार की ओर से मुआवजा भी दिया जाएगा. इस दौरान मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा की उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजस्थान पुलिस को गलत जानकारी दी और कहा कि वह नामजद अपराधियों को पकड़ने आई है.
इसी विश्वास में राजस्थान पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस की सहायता की ,जो कि राजस्थान पुलिस की जिम्मेदारी भी है और कानून भी. उत्तर प्रदेश पुलिस भरतपुर से अनिल, आकाश, सचिन, रोहित और लोकेश उर्फ ललित को पकड़कर आगरा ले गई. जोशी ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने सभी दलितों के साथ केवल इस कारण दुर्व्यवहार और मारपीट की क्योंकि वह अरुण वाल्मीकि के रिश्तेदार थे. महेश जोशी ने कहा उत्तर प्रदेश पुलिस ने झूठ बोलकर पीड़ित को ले जाने से विश्वास का संकट खड़ा हो गया है. जिसे राजस्थान की सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी.
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