जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण कंट्रोल में होने के साथ ही प्रदेश की गहलोत सरकार बजट में की गई घोषणाओं को लेकर सख्त हो गई है. यही वजह है कि मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सभी विभागों को माइलस्टोन तय करके घोषणाओं को पूरा करने की निर्देश जारी किए हैं.
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बुधवार को विभागवार इस वर्ष की बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की समीक्षा की. बैठक में सामने आया कि अब तक 382 घोषणओं की स्वीकृति जारी की जा चुकी है. मुख्यसचिव ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि बजट घोषणाएं तय समय पर पूरी हों, जिससे आमजन को उनका सम्पूर्ण लाभ मिल सके. घोषणाओं की क्रियान्विति समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए विभाग योजनाओं के विभिन्न चरणों के लिए माइलस्टोन तय करें और स्वयं अपने स्तर पर उनकी मॉनिटरिंग करें.
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आर्य ने विभागों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत किये गए कार्यों की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने सभी विभागों से घोषणाओं के अनुरूप भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिये. आर्य ने निर्देश दिये कि इस वर्ष की बजट घोषणाओं के अनुरूप संबंधित विभाग नए स्कूल, कॉलेज, चिकित्सा संस्थानों और औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए जिलों में जमीन आवंटन का काम प्राथमिकता से करें, जिससे तय समय पर आम जन के लिए इन सुविधाओं का विकास किया जा सके.
नए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने को स्थान चुनें
जिलों में नर्सिंग महाविद्यालय खोलने और नए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने के लिए स्थान का चयन शीघ्र करें. उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिये. उन्होंने योजनाओं की डीपीआर भी समय से तैयार कर वित्त विभाग को भेजने के लिए अधिकारियों को कहा. मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी इन्स्टीट्यूट ऑफ गवनेर्ंस एण्ड सोशल साइंसेज, फिनटेक डिजिटल यूनिवर्सिटी तथा राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस लर्निंग के स्थापना की घोषणा की गई है. उन्होंने कहा कि यह सरकार के महत्त्वाकांशी प्रोजेक्ट हैं.
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कोरोना कंट्रोल तो योजनाओं पर फोकस
प्रदेश में पिछले दिनों बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से गहलोत सरकार ने जन कल्याणकारी योजनाओं पर कटौती शुरू कर दी थी. कोरोना की वजह से आए अतिरिक्त आर्थिक भार की वजह से बजट घोषणाओं पर भी खासा असर देखने को मिला था. कोरोना संक्रमण की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कई बार इस बात का जिक्र किया था कि कोरोना के संकट काल में आए अतिरिक्त आर्थिक भार की वजह से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और बजट घोषणाओं पर कटौती की गई है, लेकिन अब स्थिति सामान्य होने के साथ ही सरकार ने फिर से बजट घोषणा कुछ समय बाद पूरा करने की कवायद तेज कर दी है.