जयपुर. वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं दिया जाता है, लेकिन अब वर्ष 2020 चल रहा है, इसलिए वर्तमान जनसंख्या के आधार पर और कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को नई स्कीम बनानी चाहिए. जिसके आधार पर गेहूं का आवंटन कर खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित गरीबों को राहत देनी चाहिए. यह कहना है प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा का.
रमेश मीणा ने शुक्रवार को केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान यह बात कही. मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि प्रदेश में प्रवासी मजदूरों एवं लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए विशेष श्रेणी के परिवारों के पहचान का काम शुरू कर दिया गया है. केंद्र सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों के लिए आवंटित गेहूं का वितरण 1 जून से शुरू कर दिया जाएगा.
4 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद और बढ़ाई जाए
खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा कि प्रदेश में केंद्र सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए 17 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन इस साल प्रदेश में गेहूं की बंपर पैदावार हुई है. इसके कारण मंडियों में गेहूं कम मात्रा में बिक रहा है. इस पर खाद्य मंत्री ने कोटा संभाग, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों के किसानों की मांग के आधार पर खरीद का लक्ष्य बढ़ाकर 20.66 लाख मैट्रिक टन करने की मांग की. उन्होंने कहा कि बाजार में गेहूं की दरें समर्थन मूल्य की तुलना में काफी कम हैं, इसलिए प्रदेश के किसानों को बिना नुकसान के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की फसल बेचने के लिए खरीद लक्ष्य में वृद्धि किया जाना जरूरी है.
अप्रैल एवं मई माह में आवंटित गेहूं का हुआ पूरा वितरण