जयपुर.राजीव गांधी स्टडी सर्कल व राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान मे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर हुआ राष्ट्रीय वेबीनार विवादों में है. वेबीनार का विषय ‘लोकतंत्र मे संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्ता जरूरी है’ था. लेकिन कार्यक्रम में विषय पर चर्चा कम और केंद्र सरकार के खिलाफ वक्ताओं ने ज्यादा बोला. यही कारण है कि भाजपा अब इस राजकीय कार्यक्रम को गरिमा के खिलाफ करार दे रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी सहित कई भाजपा नेताओं ने कार्यक्रम आयोजकों पर जुबानी हमला बोला है.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया गरजे
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी अपना विरोध जाहिर किया. कटारिया ने एक बयान जारी कर कहा कि इस वेबिनार में राजस्थान सरकार के मंत्री, शिक्षाविद एवं अन्य सम्मिलित हुये. लेकिन इसमें संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्ताओं पर चर्चा नहीं की गई. बल्कि लगभग सभी वक्ताओं ने लोकतांत्रिक संवैधानिक रूप से चुने हुये वर्तमान केन्द्र सरकार के विरोध में बोलना उचित समझा. कटारिया ने कहा की वक्ताओं ने केन्द्र की विनिवेश नीति के लिये वर्तमान सरकार को दोषी बताया. जबकि विनिवेश नीति तीन दशक पुरानी है और इसका संवैधानिक संस्थाओं की स्वावयत्ता से दूर-दूर तक सरोकार नहीं है. यह विषय से परे राजनैतिक मामला हैं.
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कटारिया ने कहा कि कार्यक्रम में चुनाव आयोग द्वारा कई चरणों में चुनाव कराने की आलोचना की गई. यह वक्ताओं द्वारा स्वयं चुनाव आयोग की स्वायत्ता में दखल है. वही कार्यक्रम में कृषि कानून पर ऊंगली उठाई गई जबकि यह कानून देश की सबसे बड़ी संवैधानिक संस्थान लोकसभा और राज्यसभा द्वारा बनाया गया हैं. इस पर प्रश्न उठाना और इसका विरोध करना लोकसभा की स्वायत्ता में दखल अंदाजी हैं. नेता प्रतिपक्ष के अनुसार इस प्रकार इस पूरे कार्यक्रम मे घोषित विषय पर चर्चा नहीं हुई बल्कि एक राजनीतिक दल का कार्यक्रम हुआ. राजस्थान सरकार के इस कार्यक्रम में शिक्षक छात्र अधिकारी शामिल थे और इसमें सोनिया गांधी की प्रशंसा व महिमामंडल ना सिर्फ अनावश्यक व विषय से परे था. बल्कि यह एक राजकीय कार्यक्रम की गरिमा के विपरित भी था.