जयपुर. भारतीय मजदूर संघ की ओर से 3 जनवरी को होने वाले देशव्यापी धरने को लेकर बुधवार को प्रेस वार्ता की गई. इस दौरान भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह तंवर ने कहा कि पिछले कई वर्षों से सार्वजनिक उपक्रमों के खिलाफ एक माहौल बन गया है.
जिसे निजी करण, निगनीकरण, विनिवेश, विदेशी निवेश की अनुमति, आपस में विलय आदि के माध्यम से समाप्त करने की सरकारी साजिश चल रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के जुड़े हुए सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में भी इसकी निंदा की गई थी.
केंद्र और राज्य सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ 3 जनवरी को भारतीय मजदूर संघ का धरना सरकार को इन नीतियों पर फिर से विचार करने के लिए भारतीय मजदूर संघ की जिला इकाई की ओर से चेतावनी के रूप में जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर, कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया है.
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भारतीय मजदूर संघ की केंद्र और राज्य सरकार के सामने रखी गई मांगे-
1. सभी विभागों के अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई किया जाए
2. ठेका प्रथा और निश्चित अवधि रोजगार को समाप्त किया जाए
3. असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों के लिए कल्याण मंडल की स्थापना की जाए
4. रेलवे, प्रतिरक्षा एवं पोस्टल के निजीकरण पर अविलंब रोक लगाई जाए
5. रेलवे प्रतिरक्षा एवं पोस्टल के निजीकरण पर रोक लगाई जाए 6. राज्य परिवहन निगम, बिजली बोर्ड के निजीकरण पर भी रोक लगाई जाए
7. सभी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर रोक लगाई जाए
8. आयकर गणना के लिए कर योग्य राशि 5 लाख से बढ़ाकर आठ लाख की जाए
9. प्रदेश में रोडवेज कर्मियों को सातवां वेतनमान दिया जाए
10. सेवानिवृत्त रोडवेज कर्मियों की सभी बकाया भुगतान तुरंत किए जाए
11. नई रोडवेज बसों की खरीद व रिक्त पदों पर भर्ती की जाए
12. जल विभाग में कार्यरत सहायक स्टोर मुंशी का काम कर रहे हैं, उन्हें स्टोर मुंशी बंनाने का आदेश निकाला जाए
बता दें कि इसके अलावा भी भारतीय मजदूर संघ ने कई मांगे केंद्र और राज्य सरकार के सामने रखी है और उन मांगों को पूरा करवाने के लिए मजदूर संघ ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने का निर्णय किया है.